अपने भगत से कितना मां प्यार करती है लिरिक्स भजन इन हिंदी

Deepak Kumar Bind

 

अपने भगत से कितना मां प्यार करती है भजन इन हिंदी  लिरिक्स 


अपने भगत से कितना 

मां प्यार करती है

रहती है पहाड़ो में 

पर ध्यान रखती है।


जब भी पुकारोगे 

मां दौड़ कर आये

चांदी का सिंहासन 

मां छोड़ कर आये

मझधार में हो नैया 

मां पार करती है


हम मांगते रहते 

वो भेजती रहती

भगतो की हालत को 

मां देखती रहती

भगतों की खाली 

झोली हर बार भरती है


कर्जा तुम्हारा 

मां कैसे उतरेंगे

मां तेरी सेवा में 

जीवन गुज़ारेंगे

गर्दन झुकी है मेरी 

आँखें बरसती है ।

अपने भगत से कितना 

मां प्यार करती है...!!

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