जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है लिरिक्स (Jagat ke rang kya dekhu tera Lyrics in Hindi) - Jaya Kishori Krishna Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है लिरिक्स (Jagat ke rang kya dekhu tera Lyrics in Hindi) - 



जगत के रंग क्या देखूं 
तेरा दीदार काफी है
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे 
तेरा दीदार काफी है.....||


नहीं चाहिए ये दुनियां के 
निराले रंग ढंग मुझको
निराले रंग ढंग मुझको
चली जाऊँ मैं खाटू जी 
तेरा श्रृंगार काफी है
जगत के रंग क्या देखूं 
तेरा दीदार काफी है.....||


जगत के साज बाजों से 
हुए हैं कान अब बेहरे
हुए हैं कान अब बेहरे
कहाँ जाके सुनूँ बंशी
कहाँ जाके सुनूँ बंशी 
मधुर वो तान काफी है
जगत के रंग क्या देखूं 
तेरा दीदार काफी है.....||


जगत के रिश्तेदारों ने 
बिछाया जाल माया का
बिछाया जाल माया का
तेरे भक्तों से हो प्रीति
तेरे भक्तों से हो प्रीति 
श्याम परिवार काफी है
जगत के रंग क्या देखूं 
तेरा दीदार काफी है.....||


जगत की झूटी रौनक 
से हैं आँखें भर गयी मेरी
हैं आँखें भर गयी मेरी
चले आओ मेरे मोहन
चले आओ मेरे मोहन 
दरश की प्यास काफी है
तेरा दीदार काफी है.....||


जगत के रंग क्या देखूं 
तेरा दीदार काफी है
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे 
तेरा दरबार काफी है
तेरा दीदार काफी है.....||




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