ये सिधि विनायक है घज रूप निराला है (Ye sidhi vinayak hai Ghaj Rup Nirala hai Lyrics in Hindi) - Kanishka Negi Ganesh Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

ये सिधि विनायक है घज रूप निराला है (Ye sidhi vinayak hai Ghaj Rup Nirala hai Lyrics in Hindi) - 



ये सिधि विनायक है 
घज रूप निराला है
विघन हरता मेरे को 
सब विगनो को टाला है
संकट में नैया हो 
देवा ने सम्बाला है
विघन हरता मेरे को 
सब विगनो को टाला है.....||

शंकर जी ने स्वयम 
तुझको घज शीश लगाया है
पेहले पूजा तुम्हारा 
प्रथमेश बनाया है
दुखो और कलेशो से 
तुम ने भगतो को निकाला है
विघन हरता मेरे को 
सब विगनो को टाला है.....||

माँ बाप के चरणों की 
तुमने परिकर्मा की
तुम श्रेष्ठ हो बुधी में 
पदवी ये हासिल की
अंधियारे जीवन में 
तुमने भरा उजाला है
विघन हरता मेरे को 
सब विगनो को टाला है.....||

गोरा माँ के प्यारे हो 
शिव जी के दुलारे हो
नंदी भंगी शिव घन 
तू सब के ही सहारे हो
पिताम्भर पेहने और 
ओड दुशाला है
भग विधनो को टाला है
विघन हरता मेरे को 
सब विगनो को टाला है.....||



Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !