श्री राम चरित मानस लिरिक्स (Shri Ram Charit Manas Lyrics in Hindi) -
[ चौपाई ]
बंदउ गुरु पद पदुम परागा।
सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।।
अमिय मूरिमय चूरन चारू।
समन सकल भव रुज परिवारू।।
सुकृति संभु तन बिमल बिभूती।
मंजुल मंगल मोद प्रसूती।।
जन मन मंजु मुकुर मल हरनी।
किएँ तिलक गुन गन बस करनी।।
श्रीगुर पद नख मनि गन जोती।
सुमिरत दिब्य द्रृष्टि हियँ होती।।
दलन मोह तम सो सप्रकासू।
बड़े भाग उर आवइ जासू।।
उघरहिं बिमल बिलोचन ही के।
मिटहिं दोष दुख भव रजनी के।।
सूझहिं राम चरित मनि मानिक।
गुपुत प्रगट जहँ जो जेहि खानिक।।
[ दोहा/सोरठा ]
जथा सुअंजन अंजि दृग साधक सिद्ध सुजान।
कौतुक देखत सैल बन भूतल भूरि निधान।।1।।
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks