श्री शनिदेव अमृतवाणी लिरिक्स (Shree Shanidev Amritwani Lyrics in Hindi) - Anuradha Paudwal Shani Bhajan - Bhaktilok
श्री शनिदेव अमृतवाणी लिरिक्स (Shree Shanidev Amritwani Lyrics in Hindi) - Anuradha Paudwal Shani Bhajan -
श्री शनिदेव अमृतवाणी लिरिक्स (Shree Shanidev Amritwani Lyrics in Hindi) -
भानु लाल शनिश्चरा करुणा दृष्टि करनतमस्तक विनती करें हर एक संकट हरमहा गृह तू महावली शक्ति अपरम्पारचरण शरण में जो आये उनका कर उद्धारअपने कु प्रभाव को हमसे रखियो दूरहे रवि नंदन ना करना शांति दर्पण चूरनटखट क्रोधी देव तुम चंचल तेरा स्वाभावचिंतक के घर हर्ष का होना कभी अभाव(जय जय जय शनि देवजय जय जय शनि देव)नील वर्ण शनि देवता रुष्ट ना जाना होअपने भक्तों के सदा दुःख संताप हरोशुभ दृष्टि दया भाव से हर प्राणी को देखतुझसे थर-थर कांपती हर मस्तक की रेखप्रणय रूप तेरा रूठना सहन करेगा कौनज्ञानी ध्यानी सब तेरे सम्मुख रखते मौनसुख संपत्ति का यहाँ होना कभी विनाशभास्कर लला ना हमें करना कभी निराश(जय जय जय शनि देवजय जय जय शनि देव)शनि सोत्र का मन से करते जो जन पाठउनके गृह में कर सदा वैभव की बरसातशुभ दृष्टि तेरी मांगते दिन हीन हम लोगदीजो सुख शांति हो ना शौक वियोगअपने मंद प्रभाव को रखियो सदा अलोकदर-दर भिक्षा मांगते जिनपर हो तेरा कोपचरनन में देव तेरे त्रिभुवन करे पुकारभय, संकट हर कष्ट से मुक्त रहे संसार(जय जय जय शनि देवजय जय जय शनि देव)बाधा हरो हर काज की बिघ्न का कर समाधानतेरे प्रसन्नता से होता जन-जन का कल्याणमहा प्रतापी प्रबल वीर तुझसा कोई ना आथअनुकम्पा हम पर करो ग्रहों के सिरमोररुद्रान्तक तेरा रूप है कृष्ण वर्ण हे नाथहर साधक के सिर पर करुना का धर हाथशिव के शिष्य हे देवता महिमा तेरी महानआरोग्य जीवन हो सदा देना मान सम्मान(जय जय जय शनि देवजय जय जय शनि देवजय जय जय शनि देवजय जय जय शनि देव)
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