रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने वही ये श्रष्टि चला रहे है लिरिक्स ( Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne Lyrics in Hindi) - Krishna Bhajan - Bhaktilok
रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने वही ये श्रष्टि चला रहे है लिरिक्स ( Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne Lyrics in Hindi) - Krishna Bhajan -
रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने वही ये श्रष्टि चला रहे है लिरिक्स ( Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne Lyrics in Hindi) -
रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु नेवही ये श्रष्टि चला रहे हैजो पेड़ हमने लगाया पहलेउसी का फल हम अब पा रहे हैरचा है सृष्टि को जिस प्रभु नेवही ये श्रष्टि चला रहे है।।इसी धरा से शरीर पाएइसी धरा में फिर सब समाएहै सत्य नियम यही धरा काएक आ रहे है एक जा रहे हैरचा है सृष्टि को जिस प्रभु नेवही ये श्रष्टि चला रहे है।।जिन्होने भेजा जगत में जानातय कर दिया लौट के फिर से आनाजो भेजने वाले है यहाँ पेवही तो वापस बुला रहे हैरचा है सृष्टि को जिस प्रभु नेवही ये श्रष्टि चला रहे है।।बैठे है जो धान की बालियो मेंसमाए मेहंदी की लालियो मेंहर डाल हर पत्ते में समाकरगुल रंग बिरंगे खिला रहे हैरचा है सृष्टि को जिस प्रभु नेवही ये श्रष्टि चला रहे है।।रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु नेवही ये श्रष्टि चला रहे हैजो पेड़ हमने लगाया पहलेउसी का फल हम अब पा रहे हैरचा है सृष्टि को जिस प्रभु नेवही ये श्रष्टि चला रहे है।।
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