सूर्य अमृतवाणी लिरिक्स (Surya Amritavani Lyrics in Hindi) - Surya Amritvani - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

सूर्य अमृतवाणी लिरिक्स (Surya Amritavani Lyrics in Hindi) -


सूर्य नारायण देवता देव हो तुम साकार 
अद्भुत तेज को आपके नमन है सौ सौ बार
सात घोड़ों के रथ पर आते हो असवार
पूर्व दिशा से आए थे प्रकाशित हो संसार
स्वर्ण मुकुट है शीश पर तिलक लगा है भाय
अद्भुत अनुपम तेज है गल मुक्तअन की माल
सोने जैसी आभा है पीतांबर परी धाम
नवग्रहों में श्रेष्ठ हैं सूरज देव भगवान
हे सूर्य देव भगवान करते जग कल्याण -2

भानु दिवाकर भास्करा सृष्टि के आधार
आपकी ऊर्जा से हो सृष्टि में संचार
आपके आते ही प्रभु अंधियारा मिट जाए
दीप उजाले का प्रभु जीवन में जल जाए
आग चढ़ाकर आपको भक्ति मन जग जाए
नाम जपे जो आपका सुख समृद्धि पाए
सृष्टि सारी आपका मान रही आभार
आप की किरणें कर रही शक्ति का संचार
हे सूर्य देव भगवान करते जग कल्याण -2

रोली अक्षत और जल से जो भी अर्घ चढ़ाएं
तम अंधेरा नाश हो मन में उजाला आए
पर्यावरण का संतुलन भानु रखते आप
दिनकर देवा आप ही हरते सब संताप
संध्या छाया आपकी पत्नियां है कहलाए
शनी यम यमुना आपके पुत्र पुत्री है कहांए
रत्न जड़ित सिंहासन पे देवा रहे विराज
सभी शक्तियों के प्रभु आप ही हो सरताज
हे सूर्य देव भगवान करते जग कल्याण -2

सूर्य देव तुमने किए दैत्य असुर संघार
संत भक्तों को आपने भव से लगाया पार
रविवार प्रिय मानते रवि जो अर्घ चढ़ाएं
जीवन में सुख भोग के अंत वैकुंठ को जाए
नवग्रह देवा आपकी परिक्रमा है लगाएं
आपके तेज को है प्रभु शक्ति सब है पाए
लोभ मोह का अंधियारा दे दिन कर दो हटाए
पाप ताप संताप से हमको लेना बचाए
हे सूर्य देव भगवान करते जग कल्याण -2

मन में प्रभा जगाइए हे प्रभाकर देव
नमन मेरा स्वीकार करो हे प्रभु दिनकर दे
चांद सितारे नवग्रह धरती और आकाश
आपके ही आधीन हैं है सब आपके दास
पवन पुत्र ने आपके चरणन शीश नवाए
फिर हनुमत को आपने शिष्य था लिया बनाएं
शनि देव जी आपके पुत्र परम है कहांए
परम विरोधी आपके शनिदेव कहलाए
हे सूर्य देव भगवान करते जग कल्याण -2

त्रिलोकी में आप ही भानु करते राज
भक्त जनों की राखते दिनकर देवा लाज
उपकारी परम प्रभु करते सदा उपकार
पूजन आपका कर रहा यह सारा संसार
गुड मीठे के भोग को आप करें स्वीकार
झोली फैलाए आए जो करते बेड़ा पार
पुत्र हीन कोई आपको जल का अर्घ चढ़ाएं
संतानों का सुख उसे तुरंत प्रभु मिल जाए
हे सूर्य देव भगवान करते जग कल्याण -2

बारह नाम उच्च आर्य सब पातक मिट जाए
मानव जीवन शुद्ध हो सूर्य कृपा मिल जाए
अष्ट सिद्धि नवनिधि मिले जीवन सूर्य समान
सूरज के आशीष से पाय मनूज सम्मान
अंधकार जग का हरे आप भरे प्रकाश
सृष्टि संतुलित करें श्री भानु महाराज
दिनकर श्री दिनेश जी जगत पिता रविराज
भक्तन के प्रतिपाल हो भक्तन के सरताज
हे सूर्य देव भगवान करते जग कल्याण -2

लोक गुरु भगवान हैं सूर्यदेव जग प्राण
सूर्य मंत्र जो नित्य जपे पा जाता धन धान
गायत्री के मंत्र को प्रिय माने रविराज
मंत्र जो मन से यह जपे पाता सुख का काज
सूर्य आसन लगाइए सूर्य देव का ध्यान
सूर्य देव कृपा करें देत तत्व का ज्ञान
रोग दोष सब नेक के मनुज को स्वस्थ बनाए
सुख कभी मुख मोड़े ना सूर्य कृपा मिल जाए
हे सूर्य देव भगवान करते जग कल्याण -2

भक्त सूर्य भगवान की मन से करो पूजा
जीवन ज्योतिर्मयी बने ऐसा देव ना दूजा
प्रातः काल उठकर सदा सूर्य को करो प्रणाम
जीवन में बन जाएंगे सगरे बिगड़े काम
सूर्यदेव ही नित्य करें मंगल यहां प्रभाव
रोशन सारा जग हुआ मिटी अंधेरी रात
जगमग सब संसार करें कण-कण को चमकाए
सूर्य देव को पूजिए मुक्ति फल मिल जाए
हे सूर्य देव भगवान करते जग कल्याण -2

मेरे जीवन में भरा पापों का अंधियार
गम का दिनकर नाश करो कर दो प्रभु उजियार
हिरण्यगर्भ भगवान की करिए जय जय कार
प्रभु प्रभाकर कर देंगे भव से बेड़ा पार
मार्तंड के स्वामी हैं भुवन भास्कर देव
इनको अर्घ चढ़ाईए कीजै इनकी से
चंदन का वंदन प्रभु कर लीजिए स्वीकार
तम अंधियारा दूर करें भर देते उजियार
हे सूर्य देव भगवान करते जग कल्याण -2


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