महालक्ष्मी वंदना : Lakshmi Aarti : Lakshmi Mantra : Lakshmi Chalisa : Lakshmi Stotra : Laxmi Bhajan - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


महालक्ष्मी वंदना : Lakshmi Aarti : Lakshmi Mantra : Lakshmi Chalisa : Lakshmi Stotra : Laxmi Bhajan - Bhaktilok


महालक्ष्मी वंदना : Lakshmi Aarti : Lakshmi Mantra : Lakshmi Chalisa : Lakshmi Stotra : Laxmi Bhajan - 


 महालक्ष्मी वंदना (Laxmi Vandana Lyrics in Hindi) -


सर्वा दुःखा हारे देवी महा लक्ष्मी नमोस्टुते
सिद्धि बुद्धि प्रधे देवी भुक्ति मुक्ति प्रदायिनी
मंथरा मूर्ते सदा देवी महा लक्ष्मी नमोस्टुते
नमोस्टुते नमोस्टुते नमोस्टुते 
अद्यंतरहीते देवी आदया शक्ति महेस्वरी
योगजे योगा संभूते महा लक्ष्मी नमोस्टुते
नमोस्टुते नमोस्टुते नमोस्टुते
स्थूला सूक्ष्मा महारुद्रे
महाशक्ति माहोढरे महा पाप 
हारे देवीमहा लक्ष्मी नमोस्टुते
नमोस्टुते नमोस्टुते नमोस्टुतेपद्मासन 
स्थीते देवी परा ब्रम्‍हा स्वरूपिनी
परमएसी जगन्माटर महा लक्ष्मी नमोस्टुते
नमोस्टुते नमोस्टुते नमोस्टुतेस्वेताम्बर्धरे
देवी नानालंकारा बूशिटे
जगत स्तीते जगन्मतर महा
लक्ष्मी नमोस्टुते
नमोस्टुते नमोस्टुते नमोस्टुतेमहा 
लक्ष्मी अष्टकाम स्तोत्रम
यह पाठेठ भक्ति मन्नरहा
सर्वा सिद्धि मवपनॉटी
राज्याँ प्रपनॉटी सर्वदा
नमोस्टुते नमोस्टुते नमोस्टुतेएक 
कलाम पाठें नित्यं
महा पाप विनशनाम
द्वि कलाम यह पाठें नित्यम
धना धान्या समन्वितहा
नमोस्टुते नमोस्टुते नमोस्टुतेत्रिकलम 
यह पाठें नित्यम महा शत्रु विनसानम
महा लक्ष्मीर बावें नित्यम प्रसन्ना वारदा सुबा
नमोस्टुते नमोस्टुते नमोस्टुते…

 

लक्ष्मी आरती लिरिक्स (Lakshmi Aarti Lyrics in Hindi) -


ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निशिदिन सेवत हरि विष्णु विधाता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
उमा रमा ब्रह्माणी तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
दुर्गा रुप निरंजनी सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
तुम पाताल-निवासिनि तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी भवनिधि की त्राता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
जिस घर में तुम रहतीं सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता मन नहीं घबराता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
तुम बिन यज्ञ न होते वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
 
महालक्ष्मीजी की आरती जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता पाप उतर जाता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निशिदिन सेवत हरि विष्णु विधाता॥
 
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

लक्ष्मी मंत्र लिरिक्स हिंदी (Lakshmi Mantra Lyrics in Hindi) -



॥ १ ॥

ॐ महालक्ष्म्यै नमाे नम:
ॐ विष्णुप्रियायै नमाे नम:
ॐ धनप्रदायै नमाे नम:
ॐ विश्वजनन्यै नमाे नम:।।

॥ २ ॥

ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद 
प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।
यह माता लक्ष्मी का बीज मंत्र है। 
इसका जाप करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।।

॥ ३ ॥

ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि 
सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
यह माता लक्ष्मी का महा मंत्र है। 
इसका जाप करने से स्थिर धन, दौलत और वैभव प्राप्त होता है।।

॥ ४ ॥

ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन 
पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।
माता लक्ष्मी के इस मंत्र का जाप करने 
से आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।।

॥ ५ ॥

जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए ॐ श्रीं 
ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।।

॥ ६ ॥

पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे 
भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।
इस मंत्र का जाप करने से घर में 
धन और धान्य की कमी नहीं रहती है।।

॥ ७ ॥

ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट।
माता लक्ष्मी के इस मंत्र का जाप करने से 
व्यक्ति को किसी कार्य में सफलता प्राप्त होती है 
और माता लक्ष्मी की कृपा उस पर बनी रहती है।।

 

 लक्ष्मी चालीसा लिरिक्स (Lakshmi Chalisa Lyrics in Hindi) -


।। चौपाई ।।

सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। 
ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही॥


श्री लक्ष्मी चालीसा


तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
जय जय जगत जननि जगदम्बा । सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥
तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥
जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥

विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥
कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥
ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥

क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥


चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥
जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥

तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥
अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥
तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥

तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥
और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥
ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥
त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥


लक्ष्मी माता की आरती ओम जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता

जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥
ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥
पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥

पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥
बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥

बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥
करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥
जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥

तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥

मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥
भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥
बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥
रूप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥

॥ दोहा॥

त्राहि त्राहि दुख हारिणी हरो वेगि सब त्रास। 
जयति जयति जय लक्ष्मी करो शत्रु को नाश॥
रामदास धरि ध्यान नित विनय करत कर जोर। 
मातु लक्ष्मी दास पर करहु दया की कोर॥

लक्ष्मी स्तोत्र  लिरिक्स (Lakshmi Stotra Lyrics in Hindi) -


नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।

शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।

सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।

सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।

मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।

योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।

महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।

परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।

जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।

सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।

एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।

द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।
त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।



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