आँख्यां रो काजळ थारै (Aankhya Ro Kajal Thare )-
आंख्या रो काजल थारो.
होठा री लाली जी.
तो अईया की लटक ना.
पेल्या देखि भाली जी.
आँख्या रो काजल थारो.
होठा री लाली जी।।
मोर मुकुट की थारे.
शोभा घनेरी जी.
तो केसर को टीको नख.
बेसर मतवाली जी.
आँख्या रो काजल थारो.
होठा री लाली जी।।
काना में कुण्डल थारे.
गले में गलपटियो जी.
तो कुण्डल के निचे झूमे.
चम चम करती बाली जी.
आँख्या रो काजल थारो.
होठा री लाली जी।।
हीरो और पन्ना जडियो.
हार जड़ाऊ जी.
तो कटी पर लटके लट.
नागण जैसी काली जी.
आँख्या रो काजल थारो.
होठा री लाली जी।।
दुलरी तिलरी भी झूले.
बाजूबंद पूची जी.
तो फेंटो गुलनारी जापे.
झीनी झीनी जाली जी.
आँख्या रो काजल थारो.
होठा री लाली जी।।
पिले पीताम्बर की या.
लहर अनूठी जी.
तो रुनक झुनक पग.
नूपुर नखराली जी.
आँख्या रो काजल थारो.
होठा री लाली जी।।
‘श्याम बहादुर’ थारा.
शिव यश गावे जी.
तो उजड़ये दिला का दाता.
थे ही हो वनमाली जी.
आँख्या रो काजल थारो.
होठा री लाली जी।।
आंख्या रो काजल थारो.
होठा री लाली जी.
तो अईया की लटक ना.
पेल्या देखि भाली जी.
आँख्या रो काजल थारो.
होठा री लाली जी।।
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