तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम मेरे अलबेले राम ( Teri Marzi Ka Main Hoon Gulam Mere Albele Ram Lyrics in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम मेरे अलबेले राम ( Teri Marzi Ka Main Hoon Gulam Mere Albele Ram Lyrics in Hindi) - 


तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम मेरे अलबेले राम | Teri Marzi Ka Main Hoon Gulam Mere Albele Ram| Bhajan

तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम मेरे अलबेले राम ( Teri Marzi Ka Main Hoon Gulam Mere Albele Ram Lyrics in Hindi) - 


तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ,  मेरे अलबेले राम,
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ, मेरे अलबेले राम,

तन मन धन प्रभु तुम पर न्योछावर, 
तन मन धन प्रभु तुम पर न्योछावर, 
ठुकरा दो या प्रभु रखो अपना बना कर, 
ठुकरा दो या प्रभु रखो अपना बना कर, 
प्रभु दे दो सजा या इनाम, 
ओ मेरे अलबेले राम
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ,  मेरे अलबेले राम,
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ, मेरे अलबेले राम,

हार चूका हूँ अपनी अकल लड़ा कर,
हार चूका हूँ अपनी अकल लड़ा कर,
थक भी चूका हूँ अपनी शक्ति लगा कर, 
अपना, प्रभु सम्भालो अपना इंतजाम, 
ओ मेरे अलबेले राम,
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ,  मेरे अलबेले राम,
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ, मेरे अलबेले राम,

मुझको बना लो प्रभु अपना पुजारी, 
निस दिन सेवा करूँ मैं तुम्हारी, 
करूँ दर्शन तेरा सुबहो शाम, 
ओ मेरे अलबेले राम,
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ,  मेरे अलबेले राम,
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ, मेरे अलबेले राम,
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ,  मेरे अलबेले राम,
तेरी मर्ज़ी का में हूँ गुलाम ओ, मेरे अलबेले राम


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