मन में बसाकर तेरी मूर्ति लिरिक्स भजन ( Man Mein Basa Kar Teri Murti Lyrics in Hindi ) -
मन में बसाकर तेरी मूर्ति
उतारू में गिरधर तेरी आरती॥
करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन
भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन
दर्द की दवा तुम्हरे पास है
जिंदगी दया की है भीख मांगती
मन में बसाकर तेरी मूर्ति
उतारू में गिरधर तेरी आरती॥
मांगु तुझसे क्या मै यही सोचु भगवन
जिंदगी जब तेरे नाम करदी अर्पण
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा
चिंता है तुझको प्रभु संसार की
मन में बसाकर तेरी मूर्ति
उतारू में गिरधर तेरी आरती॥
वेद तेरी महिमा गाये संत करे ध्यान
नारद गुणगान करे छेड़े वीणा तान
भक्त तेरे द्वार करते है पुकार
दास व्यास तेरी गाये आरती
मन में बसाकर तेरी मूर्ति
उतारू में गिरधर तेरी आरती॥
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