जितना राधा रोई रोई कान्हा के लिए लिरिक्स (Jitna Radha Roee Lyrics in Hindi ) -
जितना राधा रोई रोई कान्हा के लिए,
कन्हैया उतना रोया-रोया है सुदामा के लिए
यार की हालत देखि,उसकी हालत पे रोया
यार के आगे अपनी शानो शौकत पे रोया
ऐसे तड़पा जैसे समा परवाना के लिए
कन्हैया उतना रोया-रोया है सुदामा के लिए..
यार को लगा कलेजे बात भर भर के रोया
और अपने बचपन को याद कर कर के रोया
ये ऋण था अनमोल की श्याम दीवाना के लिए
कन्हैया उतना रोया-रोया है सुदामा के लिए..
पाँव के छाले देखे तो दुःख के मारे रोया
पाँव धोने के खातिर ख़ुशी के मारे रोया
आंसू थे भरपाई बस हर्जाना के लिए
कन्हैया उतना रोया-रोया है सुदामा के लिए..
उसके आने से रोया उसके जाने से रोया
होक गदगद चावल के दाने दाने पे रोया
बनवारी वो रोया बस याराना के लिए
कन्हैया उतना रोया-रोया है सुदामा के लिए..
Krishna Bhajan: Jitna Radha Roee
Album Name: BATAAO KAHAN MILEGA SHYAM
Singer: SAURABH
Composer: INDRANIL RAY
Lyrics: JAY SHANKER CHAUDHARY (BANWARI)
Picturised On: MADHUKAR,SAURABH,RIWA
प्रेमियों अक्सर कहा जाता है, की भक्त हमेशा अपने भगवान को याद करके रोते हैं, और भगवान अपने भक्तों की परीक्षा भी लेता है, और उन्हें रुलाता भी है |
कृष्ण, जिसे याद करके, ना जाने कितने ने आंसू बहाए, चाहे माता-पिता हो, चाहे गोपियां हो, चाहे ग्वाल बाल हो और चाहे स्वयं राधा हो, जिसने सारा जीवन कन्हैया को याद करके, रोते हुए गुजार दिया |
पर कहते हैं कोई ऐसा शख्स भी हुआ, जिसके लिए मेरा ठाकुर स्वयं रोया हो|
जी हां, एक भक्त ऐसा हुआ हुआ मेरे ठाकुर के जीवन में , कि वह जितना मेरे ठाकुर को याद करके रोया, उससे कहीं ज्यादा, मेरा ठाकुर उसके लिए रोया, और ऐसा भक्त था, मेरे कन्हैया का अनन्य मित्र सुदामा |
लोग कहते हैं कन्हैया ने सारा जीवन राधा से बहुत प्रेम किया, और शायद कन्हैया ने राधा से अधिक प्रेम किसी और से किया भी नहीं |
लेकिन कहते हैं कोई एक शक्स अगर ऐसा था कन्हैया के जीवन में, जिस से कन्हैया ने राधा के समान ही, राधा के बराबर प्रेम किया, तो वह एकमात्र शक्स था सुदामा |
आइए यह चंद पंक्तियां , उस मित्र के लिए जिसके लिए तीनों लोकों के मालिक ने स्वयं आंसू बहाए |
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