5+ बेस्ट श्री राम भजन इन हिन्दी ( Best Shri Ram Bhajans Lyrics in Hindi) - नॉन स्टॉप श्री राम भजन - Shri Ram Bhakti Geet Lyrics -
5+ बेस्ट श्री राम भजन इन हिन्दी ( Best Shri Ram Bhajans Lyrics in Hindi) - नॉन स्टॉप श्री राम भजन - Shri Ram Bhakti Geet Lyrics -
बेस्ट श्री राम भजन इन हिन्दी ( Best Shri Ram Bhajans Lyrics in Hindi) -
- रघुपति राघव राजाराम ( Raghupati Raghav Raja Ram Bhajan Hindi Lyrics )
- तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का (Tune Ajab Racha Bhagawan Khilouna Mati Ka Lyrics in Hindi )
- ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है (Ishwar Jo Kuchh Karata Hai Achha Hi Karata Hai Lyrics in Hindi )
- आरती श्री रामायण जी की लिरिक्स ( Aarati Shri Ramayan Ji Ki Lyrics Ramayan Aarti Lyrics in Hindi )
- प्रभु मुझ अनाथ पर दया कीजिये (prabhu mujh anath par daya kijiye Lyrics in hindi)
रघुपति राघव राजाराम ( Raghupati Raghav Raja Ram Bhajan Hindi Lyrics )
भजन: रघुपति राघव राजा राम
रघुपति राघव राजा राम.
पतित पावन सीता राम।
सीता राम सीता राम.
भज प्यारे तू सीता राम।
रघुपति राघव राजा राम.
पतित पावन सीता राम।
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम.
सबको सन्मति दे भगवान।
रघुपति राघव राजा राम.
पतित पावन सीता राम।
जय रघुनंद जय सियाराम.
जानकी वल्लभ सीताराम।
रघुपति राघव राजा राम.
पतित पावन सीता राम।
कौशल्या के प्यारे राम.
दशरथ राज दुलारे राम।
रघुपति राघव राजा राम.
पतित पावन सीता राम।
लखन भरत के प्यारे राम.
हनुमत के हो सहारे राम।
रघुपति राघव राजा राम.
पतित पावन सीता राम।
रात को निंदिया दिन तो काम.
कभी भजोगे प्रभु का नाम।
करते रहिये अपने काम.
लेते रहिये हरि का नाम।
रघुपति राघव राजा राम.
पतित पावन सीता राम।
तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का (Tune Ajab Racha Bhagawan Khilouna Mati Ka Lyrics in Hindi )
तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का
माटी का रे माटी का
तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का
कान दिए हरी भजन सुनन को,
तू मुख से करे गुणगान खिलौना माटी का
तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का
जीबा दी हरी भजन करन को
दी आँखे करन पेहचान खिलौना माटी का
तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का
शीश दिया गुरु चरण झुकन को
और हाथ दिए कर दान खिलौना माटी का
तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का
सत्य नाम का बना के बेडा
और उतरे भव से पार खिलौना माटी का
तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का
ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है (Ishwar Jo Kuchh Karata Hai Achha Hi Karata Hai Lyrics in Hindi )
ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है
अच्छा ही करता है अच्छा ही करता है
मानव तू परिवर्तन से काहे को डरता है
काहे को डरता है
ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है।।
जब से दुनिया बनी है तब से रोज बदलती है
जो शय आज यहां है कल वो आगे चलती है
देख के अदला बदली तू आहेँ क्यों भरता है
आहेँ क्यों भरता है
ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है।।
दुख सुख आते जाते रहते सबके जीवन में
पतझड़ और बहारें दोनों जैसे गुलशन में
चढ़ता है तूफान कभी और कभी उतरता है
कभी उतरता है
ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है।।
कितनी लम्बी रात हो फिर भी दिन तो आएगा
जल में कमल खिलेगा फिर से वो मुसकाएगा
देता है जो कष्ट वही कष्टों को हरता है
कष्टों को हरता है
ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है।।
वो ही दाना फलता है जो मिट्टी में मिल जाए
सहे पथिक जो कांटे वही मञ्जिल अपनी पाए
भट्टी में पड़कर सोने का रंग निखरता है
रंग निखरता है
ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है।।
मानव तू परिवर्तन से काहे को डरता है
ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है।।
आरती श्री रामायण जी की लिरिक्स ( Aarati Shri Ramayan Ji Ki Lyrics Ramayan Aarti Lyrics in Hindi )
आरती श्री रामायण जी की,
कीरत कलित ललित सिय पिय की।
गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद,
बाल्मीक विज्ञानी विशारद,
शुक सनकादि शेष अरु सारद,
बरनी पवन सुत कीरति निकी,
आरती श्री रामायण जी कीं,
कीरत कलित ललित सिय पिय की।
गावत संतन शम्भु भवानी,
अरु घट सम्भव मुनि विज्ञानी,
व्यास आदि कवि बर्ज बखानी,
काग भूसुंडि गरुड़ के हि की,
आरती श्री रामायण जी कीं,
कीरत कलित ललित सिय पिय की।
चारों वेद पुराण अष्टदस,
छओ शास्त्र सब ग्रंथन को रस,
तन मन धन संतन को सर्बस,
सार अंश सम्मत सब ही की,
आरती श्री रामायण जी कीं,
कीरत कलित ललित सिय पिय की।
कलिमल हरनि विषय रस फीकी,
सुभग सिंगार मुक्ती जुबती की,
हरनि रोग भव भूरी अमी की,
तात मात सब विधि तुलसी की,
आरती श्री रामायण जी की,
कीरत कलित ललित सिय पिय की।
आरती श्री रामायण जी की,
कीरत कलित ललित सिय पिय की।
आरती श्री रामायण जी की
कीरत कलित ललित सिय पिय की।
गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद
बाल्मीक विज्ञानी विशारद।
शुक सनकादि शेष अरु सारद
वरनि पवन सुत कीरति निकी।।
आरती श्री रामायण जी की
संतन गावत शम्भु भवानी
असु घट सम्भव मुनि विज्ञानी।
व्यास आदि कवि पुंज बखानी
काकभूसुंडि गरुड़ के हिय की।।
आरती श्री रामायण जी की
चारों वेद पूरान अष्टदस
छहों होण शास्त्र सब ग्रंथन को रस।
तन मन धन संतन को सर्वस
सारा अंश सम्मत सब ही की।।
आरती श्री रामायण जी की …
कलिमल हरनि विषय रस फीकी
सुभग सिंगार मुक्ती जुवती की।
हरनि रोग भव भूरी अमी की
तात मात सब विधि तुलसी की ।।
आरती श्री रामायण जी की
प्रभु मुझ अनाथ पर दया कीजिये (prabhu mujh anath par daya kijiye Lyrics in hindi)
प्रभु मुझ अनाथ पर दया कीजिये
आप अपने चरणों को धुला लीजिये
मेरे घट आ गए है चरण को बढाईये
आईये करीब आके चरण को धुलायिये
हाथ मेरी माथे पर रख दीजिये
आप अपने चरणों को धुला लीजिये
रीतियों से केवटो का पार करना काम है
पार करते आप सबको केवटो का नाम है
मेरी हर बात पर गौर कीजिये
आप अपने चरणों को धुला लीजिये
चरण को धुला करके नाव में बिठाया
नाव में बिठा कर के पार पहुचाया
पार किया है तुमको मुझे तारिये
आप अपने चरणों को धुला लीजिये
प्रभु मुझ अनाथ पे दया कीजिये
आप अपने चरणों को धुला लीजिये
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks