हनुमान अष्टक (HANUMAN ASHTAK Lyrics in Hindi) - SURESH WADKAR Hanuman Bhajan Hanuman Chalisa - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


हनुमान अष्टक (HANUMAN ASHTAK Lyrics in Hindi) - SURESH WADKAR Hanuman Bhajan Hanuman Chalisa - Bhaktilok


हनुमान अष्टक (HANUMAN ASHTAK Lyrics in Hindi) - SURESH WADKAR Hanuman Bhajan Hanuman Chalisa - 


Title - HANUMAN ASHTAK

Singer - Suresh Wadkar

Lyricist: Traditional

Album - Enchanting Bhajans by Suresh Wadkar

Composer - Vivek Prakash


दोहा - 

लाल देह लाले लसे अरु धारी लाल लंगूर |

बजर देह दानव डालन जय जय जय कपी सूर ||


(संकट मोचन हनुमान अष्टक Lyrics in Hindi) -

बाल समय रवि भक्त लियो टैब तीनाहु लोका भायो अंधियारो |

ताही सो ट्रैस भायो जग को यह संकट कहु सो जात न तारो |

दीवान आनी करी बिनती टैब चढी दीयो रवि कश्त निवारो ||


को नहीं जानात है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||1||

बाली की ट्रैस कापी बसई गिरी जाट महाप्रभु पंथ निहारो |

चौंकी महा मुनि साप दीयो तब चुनी कौन बेचार बेचारो |

काई द्विज रूप लिए महा प्रभु सो तुम दास के सो निवारो ||


को नहीं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||2||

अंगद के संग लेने गए सिया खोज कापीस यह बनने ऊंचारो |

जीवन न बचाउ हम सो जो बिना सुधी लाए एहान पागु धारो |

हायरी थे तत सिंधु सबाई तब लाए सिया-सुधी प्राण उबारो ||


को नहीं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||3||

रावण त्रास दया सिया को सब राक्षसी तो कहीं सोक निवारो |

ताहि समय हनुमान महाप्रभु जय महा रजनीचर मारो ||

चाहत सीया अशोक पुत्र आगी सुदाई प्रभु मुद्रा सो निवारो ||


को नहीं जानात है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||4||

बाण लगाओ उर लचिमन के तब प्राण ताजे सुत रावण मारो |

लाई गृह बैद्य सुशेन समेट तबाई गिरी द्रोण सु बीयर ऊपर |

आनी सजीवन हाथ दया तब लछीमन के तुम प्राण उबारो|


को नहीं जानात है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||5||

रावण जुड अजान कियो टैब नाग की फास सबाई सर दारो |

श्री रघुनाथ समीत सबाई दाल मोह भयो ये संकट भारो |

आनी खगेस तबाई हनुमान जू बंधन काटी सूत्र निवारो |


को नहीं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||6||

बंधु समैत जबाई अहिरावण लाई रघुनाथ पाताल सिद्धारो |

देबिही पूजा भालि विधि सो बाली देउ सबाई मिल मंत्र विचारो |

जय सहाय भायो तब ही अहिरावण सैन्य समेत संहारो |


को नहीं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||7||

काज कियो बरह दीवान के तुम बीयर महाप्रभु देखी बिचारो |

कौन सो संकट मोर गरीब को जो तुम नहीं जात है तारो |

बेगी हारो हनुमान महाप्रभु जो कुछ संकट हो हमरो |


को नहीं जानात है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||8||

संकट मोचन हनुमान अष्टक – हनुमान मंत्र


 


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