संत कबिर दास के दोहे (Sant Kabir Das Ke Dohe Lyrics in HIndi) - Kabir Das Doha
दोहे -
बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय
जो मन देखा आपना मुझ से बुरा न कोय | |
( संत कबीर दास के दोहे )
माटी का एक नाग बनाके
पूजे लोग लुगाया |
जिन्दा नाग नाग जब घर में निकले
ले लाठी धमकाया |
जिन्दा बाप कोई न पूजे
मरे बाद पुजवाया |
मुट्ठी भर चावल लेके
कौवे को बाप बनाया |
यह दुनिया कितनी बावरी है
जो पत्थर पूजे जाय |
घर की चकिया कोई न पूजे
जिसका पिसा खाय |
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks