आज मंगलवार है महावीर का वार है (Aaj Mangalwar Hai Mahaveer Ka Vaar Hai Lyrics in Hindi) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


आज मंगलवार है महावीर का वार है (Aaj Mangalwar Hai Mahaveer Ka Vaar Hai Lyrics in Hindi) - Bhaktilok

आज मंगलवार है महावीर का वार है (Aaj Mangalwar Hai Mahaveer Ka Vaar Hai Lyrics in Hindi) - 


आज मंगलवार है महावीर का वार है (Aaj Mangalwar Hai Mahaveer Ka Vaar Hai Lyrics in Hindi) - 

आज मंगलवार है

महावीर का वार है

ये सच्चा दरबार है

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे

उसका बेड़ा पार है

चैत्र सुदी पूनम मंगल का

जनम वीर ने पाया है

जनम वीर ने पाया है

लाल लंगोट गदा हाथ में

सर पर मुकुट सजाया है

सर पर मुकुट सजाया है

शंकर का अवतार है

महावीर का वार है

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे

उसका बेड़ा पार है

आज मंगलवार है

महावीर का वार है

ये सच्चा दरबार है

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे

उसका बेड़ा पार है

ब्रह्मा जी के ब्रम्ह ज्ञान का

बल भी तुमने पाया है

बल भी तुमने पाया है

राम काज शिव शंकर ने

वानर का रूप धारिया है

वानर का रूप धारिया है

लीला अपरमपार है

महावीर का वार है

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे

उसका बेड़ा पार है

आज मंगलवार है

महावीर का वार है

ये सच्चा दरबार है

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे

उसका बेड़ा पार है

बालापन में महावीर ने

हरदम ध्यान लगाया है

हरदम ध्यान लगाया है

श्रम दिया ऋषिओं ने तुमको

ब्रम्ह ध्यान लगाया है

ब्रम्ह ध्यान लगाया है

राम रामाधार है

महावीर का वार ह

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे

उसका बेड़ा पार है

राम जनम हुआ अयोध्या में

कैसा नाच नचाया है

कैसा नाच नचाया है

कहा राम ने लक्ष्मण से ये

वानर मन को भाया है

वानर मन को भाया है

राम चरण से प्यार है

महावीर का वार है

सच्चे मन से जो कोई ध्यावे

उसका बेड़ा पार है

पंचवटी से माता को जब

रावण लेकर आया है

रावण लेकर आया है

लंका में जाकर तुमने

माता का पता लगाया है

माता का पता लगाया है

अक्छाय को मार है

महावीर का वार है

सच्चे मन से जो कोई ध्याने

उसका बेड़ा पार है

मेघनाथ ने ब्रह्मपास में

तुमको आन फैसला है

तुमको आन फैसला है

ब्रह्मपाश में फास करके

ब्रह्म का मान बड़ा है

ब्रह्म का मान बड़ा है

बजरंगी वाकी मार है

महावीर का वार है

सच्चे मन से जो कोई ध्याने

उसका बेड़ा पार है

लंका जलयी आपने

जब रावण भी घबराया है

जब रावण भी घबराया है

श्री राम लखन को अंकुर

माँ का संदेश सुना है

माँ का संदेश सुना है

सीता शोक अपार है

महावीर का वार है

सच्चे मन से जो कोई ध्याने

उसका बेड़ा पार है



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