जान से प्यारी शिव शंकर की मूर्ति (Jaan Se Pyaari Shiv Shankar Ki Murti With Lyrics) - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind


जान से प्यारी शिव शंकर की मूर्ति (Jaan Se Pyaari Shiv Shankar Ki Murti With Lyrics) - 


मुझे जान से प्यारी है

शिव शंकर की मूर्ति


ओ सारे जग से न्यारी है

(शिव शंकर की मूर्ति) 3


अभ्यंकर की मूर्ति

बड़ी सिद्धिकारक है

शिव शंकर की मूर्ति


ओ मुझे जान से प्यारी है

शिव शंकर की मूर्ति


ओह्हो

ओह्हो

ओह्हो


(सौ सूरज का तेज़ सा उसे .)

मुखड़े पर है झलक रहा


नैनों से संजीवनी जैसा

पवन अमृत छलक राहा) 2


मन मोहक सुखदाई है

शिव शंकर की मूर्ति


मेरी सदा सहाय है

शिव शंकर की मूर्ति


ओ मुझे जान से प्यारी है

शिव शंकर की मूर्ति


(कानो में बिछुओं के कुंडल

गले नाग की माला है

अर्ध चंदा उसके मस्ताकी

जचता बहुत निराला है) 2


बड़ी मंगल शुभकारी है

शिव शंकर की मूर्ति


सारे कश्त निवारण है

शिव शंकर की मूर्ति


ओ मुझे जान से प्यारी है

शिव शंकर की मूर्ति


(इस्के प्रमुख अलख जगा के .)

कुंदन होती काया है


आस की झोली खोलके मैंने

जो मांगा सो पाया है) 2


मोह मांगा फल देती है

शिव शंकर की मूर्ति


मेरे मन में बस्ती है

शिव शंकर की मूर्ति


ओ मुझे जान से प्यारी है

शिव शंकर की मूर्ति


सारे जग से न्यारी है

शिव शंकर की मूर्ति


ओ मुझे जान से प्यारी है

शिव शंकर की मूर्ति


शिव शंकर की मूर्ति।





 

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