रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय का अर्थ हिंदी में (Rahiman Dhaga Prem Ka Mat Todo Chatkaay ka Arth Hindi )

Deepak Kumar Bind

रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय का अर्थ हिंदी में (Rahiman Dhaga Prem Ka Mat Todo Chatkaay ka Arth Hindi )

रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय का अर्थ हिंदी में (Rahiman Dhaga Prem Ka Mat Todo Chatkaay ka Arth Hindi )


रहीम के दोहे के शब्दार्थ : - 

👉 रहिमन-संत रहीम

👉 धागा - डोर/धागा

👉 प्रेम का- प्रेम / प्यार/स्नेह

👉 मत तोरो - तोड़ो मत

👉 चटकाय-टूट कर बिखर जाना

👉 टूटे पे फिर ना जुरे- टूटने पर दुबारा नहीं जुड़ता है

👉 जुरे गाँठ परी जाय-यदि जोड़ा भी जाए तो गाँठ लग जाती है


रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय रहीम दोहे का हिंदी मीनिंग (Hindi Meaning of Rahim Doha) :

प्रेम का धागा तोड़ना नहीं चाहिए. एक बार तोड़ने से यह पुनः नहीं जुड़ता है और यदि जुड़े तो इसमें गाँठ पड जाती है। मध्यकालीन सूफी संत रहीम का यह दोहा है जिसमे प्रेम के विषय में बताया गया है की प्रेम का धागा बहुत ही कच्चा होता है। इसे तोड्ना नहीं चाहिए । यदि प्रेम को बरकरार नहीं रखा जाए तो इसमें खटास आ जाती है  प्रेम सहज होता है और नाजुक भी, इसलिए इसे बड़े ही जतन से सहेज कर रखना होता है  प्रेम के अभाव में रिश्ते भी बाँझ हो जाते हैं, इसलिए प्रयत्न करना चाहिए की प्रेम में कोई खटास नहीं आए 

 

और भी जानें रहीम दास के कुछ प्रमुख दोहे और उनके अर्थ हिंदी में (Know more Some important couplets of Rahim Das and their meaning in Hindi) :- 

Rahiman Neechan Sang Basi, Lagat Kalank Na Kaahi,  Doodh Kalaarin Haath Lakhi, Sab Samujhi Mad Taahi,


रहिमन नीचन संग बसि, लगत कलंक न काहि,

दूध कलारिन हाथ लखि, सब समुझाही मद ताहि,

Rahiman Neechan Sang Basi, Lagat Kalank Na Kaahi,

Doodh Kalaarin Haath Lakhi, Sab Samujhi Mad Taahi,


रहिमन नीचन संग बसि, लगत कलंक न काहि रहीम के दोहे का हिंदी मीनिंग : - 

हमें बुरे लोगों की संगती से बचना चाहिए नीच लोगों की संगती करने पर स्वंय पर ही कलंक लगता है जैसे शराब बेचने वाला यदि दूध भी बेचने लगे तो भी लोग उसके दूध को शराब ही समझेंगे

Taruvar Phal Naveen Khaat Hai, Saravar Piyahi Na Paan,  Kahi Raheem Par Kaaj Hit, Sampati Sanchahi Sujaan Ka,


तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान।

कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान॥

Taruvar Phal Naveen Khaat Hai, Saravar Piyahi Na Paan,

Kahi Raheem Par Kaaj Hit, Sampati Sanchahi Sujaan Ka,


तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान रहीम के दोहे का हिंदी मीनिंग : -

तरुवर स्वंय के फल को नहीं खाते हैं, (वृक्ष स्वंय के फल को ग्रहण नहीं करते हैं ) और सरोवर/नदी स्वंय के पानी/जल को ग्रहण नहीं करते हैं. ऐसे ही सज्जन लोग भी स्वंय के लिए संपत्ति का संग्रह नहीं करते हैं और दूसरों के हित के लिए संपत्ति का संग्रह करते हैं

Rahiman Nij Man Kee Bitha, Man Hee Raakho Goy,  Sunee Athilaihain Log Sab, Baanti Na Laahai Koy,


रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।

सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहै कोय॥

Rahiman Nij Man Kee Bitha, Man Hee Raakho Goy,

Sunee Athilaihain Log Sab, Baanti Na Laahai Koy,


रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय रहीम के दोहे का हिंदी मीनिंग : -

स्वंय के दुःख और पीड़ा को छुपा कर रखना चाहिए, दूसरों को इसके बारे में बताना नहीं चाहिए, क्योंकि लोग आपके दुःख को बाँट नहीं सकते हैं,  केवल इसका मजाक ही उड़ाते हैं। भाव है की लोगों के समक्ष अपने दुखों को व्यक्त नहीं करना चाहिए।

Ekai Saadhe Sab Sadhai, Sab Saadhe Sab Jaay,  Rahiman Moolahin Seenchibo, Phoolai Phala Aghaay,


एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।

रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय॥

Ekai Saadhe Sab Sadhai, Sab Saadhe Sab Jaay,

Rahiman Moolahin Seenchibo, Phoolai Phala Aghaay,


एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय रहीम के दोहे का हिंदी मीनिंग : - 

एक बार में एक ही काम हाथ में लेना चाहिए. एक के पूर्ण हो जाने पर बाकी स्वतः ही पूर्ण हो जाते हैं यह ऐसे ही है जैसे किसी पौधे की जड़ों में पानी डालने/सींचेने से वह फलता फूलता है

Chitrakoot Mein Rami Rahe, Rahiman Avadh-nares,  Ja Par Bipada Padat Hai, So Aavat Yah Des,


चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध-नरेस।

जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस॥

Chitrakoot Mein Rami Rahe, Rahiman Avadh-nares,

Ja Par Bipada Padat Hai, So Aavat Yah Des,


चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध-नरेस रहीम के दोहे का हिंदी मीनिंग : - 

अवध नरेश (राजा राम) अयोध्या नगरी को छोड़ कर चित्रकूट वन में रह रहे हैं. जिस घोर विपदा पड़ी हो वही ऐसे जंगल में रह सकता है। भाव है की विपदा आने पर राजा राम जी को भी वन वन भटकना पड़ा था।


Dhani Raheem Jal Pank Ko Laghu Jiy Pitt Aghaay,  Udadhi Badaee Kaun Hai, Jagat Piaaso Jaay Hai,


धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पियत अघाय।

उदधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय॥

Dhani Raheem Jal Pank Ko Laghu Jiy Pitt Aghaay,

Udadhi Badaee Kaun Hai, Jagat Piaaso Jaay Hai,


धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पियत अघाय रहीम के दोहे का हिंदी मीनिंग : -

कीचड का थोड़ा सा पानी भी धन्य है क्योंकि उससे कई छोटे मोटे जीव जंतु अपनी प्यास बुझाते हैं. ऐसे में समुद्र की क्या बड़ाई की जाए जहाँ से लोग प्यासे लौट आते है। भाव है की मदद करने वाला हमेशा बड़ा होता है और उस बड़प्पन का कोई फायदा नहीं होता है जो किसी के काम नहीं आए।


Song: Rahiman Dhaga Prem Ka

Language: Hindi

Album: Rahim Das Ke Dohe Mix

Singer: Vardan Singh

Lyrics: Rahim Das Ji

Music: Traditional

Genres: Devotional

Label: 29 Twelve Music


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