जयदेव जयदेव जय मंगल मूर्ति सुखकार्ता दुखर्त(Jaidev Jaidev Jai Mangal Murti Sukhkarta Dukhharta Lyrics By Arijit Chakraborty)
जयदेव जयदेव जय मंगल मूर्ति सुखकार्ता दुखर्त(Jaidev Jaidev Jai Mangal Murti Sukhkarta Dukhharta Lyrics) -
सुख कर्ता दुख हरत
वार्ता विघ्नची
नूरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सरवंगी सुंदर उत्तीशेंदु रची
कांठी झलके माड़ मुक्ता पदंची
जय देव जय देवी
जय मंगल मूर्ति
दर्शन मार्ते मान कामना पूर्ति
जय देव जय देवी
रत्ना खाचिकाता पारा
सुखकार्ता दुखर्ता वार्ता विघ्नचि
नूरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुंदर उती शेंदुराची
कांति झलक मल मुक्ताफलांची
जय देव जय देवी
जय मंगल मूर्ति
दर्शन मार्ते मान कामना पूर्ति
जय देव जय देवी
रत्नाखचित फिर तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उती कुमकुम के शरण
किराया जदित मुकुट शोभतो बर
रुंझुनति नुपुरे चरनी घाघरिया
जय देव जय देवी
जय मंगल मूर्ति
दर्शन मार्ते मान कामना पूर्ति
जय देव जय देवी
लम्बोदर पीतांबर फणीवार वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनायन
दास रमाचा वट पाए साधना
संकटी पाववे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
जय देव जय देव 2
जय मंगल मूर्ति
दर्शन मार्ते मान कामना पूर्ति
जय देव जय देवी
शेंदूर लाल चड्ढायो अच्छा गजमुख को
डोंदिल लाल बिराजे सुत गौरीहार को
हाथ लिए गुड लड्डू सई सुखार को
महिमा कहे ना जाए लागत हुं पद को
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारे दर्शन मेरा मत रमाता
जय देव जय देवी
आस्था सीधी दासी संकट को बैरी
विघ्न विनाश मंगल मूरत अधिकारी
कोटि सूरज प्रकाश ऐसी छबी तेरी
गंडास्थल मदमस्तक झूल शशि बिहारी
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारे दर्शन मेरा मत रमाता
जय देव जय देवी
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतति संपत्ती सबाही भरपुर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदीन गन गावे
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारे दर्शन मेरा मत रमाता
जय देव जय देवी
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