गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः हिंदी मीनिंग (Gurur Brahma Gurur Vishnu Hindi Meaning)

Deepak Kumar Bind



गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः हिंदी मीनिंग Gurur Brahma Gurur Vishnu Hindi Meaning - Bhaktilok


गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः |

गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ||

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः |

गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ||


भारत की #सांस्कृतिक पहचान है की यहाँ पर गुरु के पद को सर्वोच्च और अत्यंत ही आदर का प्रतीक माना जाता है। कबीर साहेब ने कहा की "गुरु गोविन्द दोउ खड़े, काके लागूं पाँय" स्पष्ट है की गुरु गोविन्द से भी अधिक महत्त्व रखता है। गुरु ही जो सद्मार्ग की और अग्रसर होने के लिए प्रेरित करता है और स्वंय के द्वारा अर्जित ज्ञान को साधक को बांटता है। गुरु (Guru) शब्द दो अक्षरों "गु" और "रु" से बना है जहाँ गु का अर्थ है 'अन्धकार और रु का अर्थ है' प्रकाश। इसका अर्थ हुआ की गुरु अपने शिष्य / साधक को अन्धकार से निकाल कर रौशनी की तरफ अग्रसर करता है, रौशनी की ओर ले जाता है।  ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने भी गुरु शब्द को लिक्सोग्राफी में शामिल किया है। प्रबंधन शिक्षा में गुरु बहुत प्रसिद्ध है क्योंकि सबसे कुशल व्यक्ति को प्रबंधन गुरु के रूप में संबोधित किया जाता है। गुरु की महिमा पर पकाश डालने वाला यह श्लोक आदि शंकराचार्य जी के द्वारा रचित है और यह श्लोक गुरु स्त्रोतम का एक भाग है।


"गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः" मन्त्र का हिंदी मीनिंग : - 


गुरु ही ब्रह्म है जो सृष्टि के रचियता हैं। गुरु ही श्रष्टि के पालक हैं जैसे श्री विष्णु जी। गुरु ही इस श्रष्टि के संहारक भी हैं जैसे श्री शिव। 


गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः मन्त्र का हिंदी मीनिंग : -


गुरु साक्षात पूर्ण ब्रह्म हैं जिनको अभिवादन है (ऐसे गुरु को नमन/अभिवादन ). भाव है की ईश्वर तुल्य ऐसे गुरु को मैं नमस्कार करता हूँ। 



Word Meaning of Gurur Brahma Gurur Vishnu Mantra : - 


गुरु /Guru: मार्गदर्शन करने वाला, भेद की बातें और शिक्षा देने वाला।

ब्रह्मा; भगवान् ब्रह्मा जी।

विष्णुं : भगवान् विष्णु।

देवा : ईश्वर।

महेश्वरा : भगवान् शिव जो जगत के रक्षक होने के साथ साथ विनाशक भी हैं।

साक्षात : स्वंय ही।

परब्रह्म : जो सर्वोच्च नियामक शक्ति है।

तस्मै : को (गुरु  को )

श्री : पवित्र।

नमह :अभिवादन। 




Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !