सोचै सोचि न होवई (एक ओंकार सतनाम कर्ता पुरख मूल मंत्र) | (Ek Onkar Satnam Karta Purakh Mool Mantra) :-
सोचै सोचि न होवई
जे सोची लख वार
सोचै - स्नान करने से कोई शुद्ध नहीं बन जाता है।
सोचि न होवई- स्नान आदि बाह्य शुद्धता से कोई शुद्ध नहीं बन सकता है। शुद्ध बनने के लिए मन की निर्मलता का होना आवश्यक है।
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