श्री बृहस्पति देव की आरती (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti Lyrics ) | जय वृहस्पति देवा ( Jay Brihaspati Deva Lyrics ) - Bhakti lok

Deepak Kumar Bind


श्री बृहस्पति देव की आरती (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti Lyrics )

 जय वृहस्पति देवा

ऊँ जय वृहस्पति देवा ।

छिन छिन भोग लगाऊँ

कदली फल मेवा ॥


ऊँ जय वृहस्पति देवा

जय वृहस्पति देवा ॥


तुम पूरण परमात्मा

तुम अन्तर्यामी ।

जगतपिता जगदीश्वर

तुम सबके स्वामी ॥


ऊँ जय वृहस्पति देवा

जय वृहस्पति देवा ॥


चरणामृत निज निर्मल

सब पातक हर्ता ।

सकल मनोरथ दायक

कृपा करो भर्ता ॥


ऊँ जय वृहस्पति देवा

जय वृहस्पति देवा ॥


तन मन धन अर्पण कर

जो जन शरण पड़े ।

प्रभु प्रकट तब होकर

आकर द्घार खड़े ॥


ऊँ जय वृहस्पति देवा

जय वृहस्पति देवा ॥


दीनदयाल दयानिधि

भक्तन हितकारी ।

पाप दोष सब हर्ता

भव बंधन हारी ॥


ऊँ जय वृहस्पति देवा

जय वृहस्पति देवा ॥


सकल मनोरथ दायक

सब संशय हारो ।

विषय विकार मिटाओ

संतन सुखकारी ॥


ऊँ जय वृहस्पति देवा

जय वृहस्पति देवा ॥


जो कोई आरती तेरी

प्रेम सहित गावे ।

जेठानन्द आनन्दकर

सो निश्चय पावे ॥


ऊँ जय वृहस्पति देवा

जय वृहस्पति देवा ॥


सब बोलो विष्णु भगवान की जय ।

बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय ॥





Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !