हमारे साथ श्री रघुनाथ | Hamare Saath Shri Raghunath | Bulbul Agarwal Bhakti Bhajan - Bhaktilok
हमारे साथ श्री रघुनाथ | Hamare Saath Shri Raghunath | Bulbul Agarwal Bhakti Bhajan - Bhaktilok
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता
शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता
किया करते हो तुम दिन रात क्यों किस बात की चिंता
तेरे स्वामी को रहती है तेरी हर बात की चिंता
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता
शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता
ना खाने की ना पीने की ना मरने की ना जीने की
रहे हर स्वास में भगवान के प्रिय नाम की चिंता
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता
शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता
विभीषण को अभय वर दे किया लंकेश पल भर में
उन्ही का कर रहे गुणगान तो किस बात की चिंता
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता
शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता
हुई भक्त पर कृपा बनाया दास प्रभु अपना
उन्ही के हाथ में अब हाथ तो किस बात की चिंता
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता
शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता
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