एक दिन मैं भी खाटू आऊं | Ek Din Main Bhi KHatu Aaun in hindi| Shyam Bhajan | by Pushkar Premanshu Mishra - BhaktiLok

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एक दिन मैं भी खाटू आऊं | Ek Din Main Bhi KHatu Aaun | Shyam Bhajan | by Pushkar Premanshu Mishra - BhaktiLok


एक दिन मैं भी खाटू आऊं | Ek Din Main Bhi KHatu Aaun | Shyam Bhajan | by Pushkar Premanshu Mishra

एक दिन मैं भी खाटू आऊं 
बाबा दर्शन थारा पाऊं 
मन में चाव रे 
मने भी घुमा दे खाटू गाँव रे ,ओ सांवरे 
मने भी घुमा दे खाटू गाँव रे

मैंने सुना है खाटू की महिमा है बड़ी ही न्यारी 
सबको खूब घुमाया कब आएगी मेरी बारी 
घर से पैदल चलकर आऊं 
बाबा तने निशान चढ़ाऊँ नंगे पाँव रे 
मने भी घुमा दे खाटू गाँव रे

सबसे पहले बाबा मुझको श्याम कुंड ले जाना 
हाथ पकड़ के बाबा म्हारा मने स्नान कराना 
दूजे श्याम बगीची जाऊं 
गोद में सर रख कर सो जाऊं पेड़ की छाँव में 
मने भी घुमा दे खाटू गाँव रे

एक बच्चे की खातिर बाबा खुद बच्चा बन आया
पीठ बिठाया ऊँगली पकड़ के मेलो सारो घुमाया 
बाबा थारी महिमा न्यारी 
करवा दी नीले की सवारी पुष्कर के भाव रे 
मने भी घुमा दे खाटू गाँव रे



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