संतोषी माता की आरती लिरिक्स (Santoshi mata Aarti Lyrics in Hindi) - Santoshi Mata Aarti - Bhaktilok

Deepak Kumar Bind

संतोषी माता की आरती लिरिक्स (Santoshi mata Aarti Lyrics in Hindi) - Santoshi Mata Aarti - Bhaktilok




संतोषी माता की आरती लिरिक्स 

जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की
सुख सम्पति दाता ॥
जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ॥

सुन्दर चीर सुनहरी
मां धारण कीन्हो ।
हीरा पन्ना दमके
तन श्रृंगार लीन्हो ॥

जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ॥

गेरू लाल छटा छबि
बदन कमल सोहे ।
मंद हंसत करुणामयी
त्रिभुवन जन मोहे ॥

जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ॥

स्वर्ण सिंहासन बैठी
चंवर दुरे प्यारे ।
धूप दीप मधु मेवा
भोज धरे न्यारे ॥

जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ॥

गुड़ अरु चना परम प्रिय
तामें संतोष कियो ।
संतोषी कहलाई
भक्तन वैभव दियो ॥

जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ॥

शुक्रवार प्रिय मानत
आज दिवस सोही ।
भक्त मंडली छाई
कथा सुनत मोही ॥

जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ॥

मंदिर जग मग ज्योति
मंगल ध्वनि छाई ।
विनय करें हम सेवक
चरनन सिर नाई ॥

जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ॥

भक्ति भावमय पूजा
अंगीकृत कीजै ।
जो मन बसे हमारे
इच्छित फल दीजै ॥

जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ॥

दुखी दारिद्री रोगी
संकट मुक्त किए ।
बहु धन धान्य भरे घर
सुख सौभाग्य दिए ॥

जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ॥

ध्यान धरे जो तेरा
वांछित फल पायो ।
पूजा कथा श्रवण कर
घर आनन्द आयो ॥

जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ॥

चरण गहे की लज्जा
रखियो जगदम्बे ।
संकट तू ही निवारे
दयामयी अम्बे ॥

जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ॥

सन्तोषी माता की आरती
जो कोई जन गावे ।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति
जी भर के पावे ॥

जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की
सुख सम्पति दाता ॥

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