नाम जो अंबे रानी का मन से प्राणी गाएगा
नाम जो अंबे रानी का मन से प्राणी गाएगाउसका बेड़ा भव सागर से पल भर में तर जाएगा
लाज रखती है भक्तों की बिन मांगे ही सब पाएगा
और सच्चे मन से ए लक्खा जो
जय जय कार बुलाएगा हो हो..........
मेरी मैया शेरावाली है करे भक्तों की रखवाली है
तो सब भक्तों मिलकर जय
बोलो शेरावाली की जय बोलो .........2
हो हो..........
मां सर्वमंगला काली है नवदुर्गा खप्पर वाली है.......2
खप्पर वाली की जय बोलो शेरावाली की जय बोलो .........
हो हो..........
ममतामई ममता लूटाती है भक्तों की बिगड़ी बनाती है
ममता मई मां की जय बोलो शेरावाली की जय बोलो .........
हो हो..........
जो सच्चे मन से ध्याता है मुंह मांगा वर वह पाता है
सच्चे दरबार की जय बोलो शेरावाली की जय बोलो .........
हो हो..........
जो शरण में माही आया है वह झोली भर कर लाया है
फिर सच्चे मन से जय बोलो शेरावाली की जय बोलो .........
हो हो..........
ताराचंद महिमा गाता है लक्खा भी शीश झुकाता है.....2
एक बार जरा तो जय बोलो शेरावाली की जय बोलो .........
मेरी मैया शेरावाली है करे भक्तों की रखवाली है
तो सब भक्तों मिलकर जय बोलो शेरावाली की
जय बोलो मेहरा वाली की जय बोलो अंबे रानी की
जय बोलो वैष्णो रानी की जय बोलो जोता वाली की
जय बोलो दुर्गे मैया की जय बोलो पहाड़ा वाली की
जय बोलो शेरावाली की जय बोलो........
जय मां काली
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