भजन - कबो बनके सातो कुंवारी लिरिक्स इन हिंदी - भक्ति लोक

Deepak Kumar Bind

भजन - कबो बनके सातो कुंवारी लिरिक्स इन हिंदी - भक्ति लोक



अलगा अलगा रूप में माई रहेलु हरमेस

अलगा अलगा रूप में माई रहेलु हरमेस

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश |


भव से निकल के खुद सम्भल के तू रहेलु रूप बदल के

भव से निकल के खुद सम्भल के तू रहेलु रूप बदल के

धके नर तन मन सती के महिमा अगम विशेष

धके नर तन मन सती के महिमा अगम विशेष

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश |


बहुते न्यारा बहुते प्यारा मौजमपुर के गंगा धारा

बहुते न्यारा बहुते प्यारा मौजमपुर के गंगा धारा

ईहो रूपवा राउर माई जानी देश विदेश

ईहो रूपवा राउर माई जानी देश विदेश

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश |


रउवे छाया रउवे दाया तुहि माई महामाया

रउवे छाया रउवे दाया तुहि माई महामाया

जान रहे तक गाई मतलबी पवन ई सन्देश

जान रहे तक गाई मतलबी पवन ई सन्देश

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश |


अलगा अलगा रूप में माई रहेलु हरमेस

अलगा अलगा रूप में माई रहेलु हरमेस

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश |

कबहुँ बनके सती कुंवारी चल जालु दूर देश |




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