Neelkamal Singh के नयका नवरात्री गीत~ माई के अड़हुल करीबी | Mai Ke Adhul Karibi | Bhojpuri Devi Geet
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रोई रोई मैया से पुछे गुलाब हो, कहे किस्मत माई हमरे खराब हो, रोई रोई मैया से पुछे गुलाब हो, कहे किस्मत माई हमरे खराब हो, फुलवा के राजा होके का कैनी, फुलवा के राजा होके का कैनी, जदी जगे चरनिया में न पैनी, जदी जगे चरनिया में न पेनी जदी जगे चरनिया में….. चढ़े नवरात ता सतावे बदनसिबी, कावने ही गुण अड़हुलवे करैबी, चढ़े नवरात ता सतावे बदनसिबी, कावने ही गुण अड़हुलवे करैबी हम अप्राध कहा का कैनी, हम अपराध कहा का कैनी, जदी जगे चरनिया में न पैनी, जदी जगे चरनिया में न पेनी जदी जगे चरनिया में….. गला के हार बनी बात बा ए दूर के, छूवे के न मिली तोहर पौंवा के धुर के, गला के हार बनी बात बा ए दूर के, छूवे के न मिली तोहर पौंवा के धुर के, भलाही फुला के मुर्झा गैनी, भलाही फुला के मुर्झा गैनी जदी जगे चरनिया में न पेनी, जदी जगे चरनिया में न पेनी जदी जगे चरनिया में….. अरजी बा कारा विचार महतारी, आशु नीलकमल राही तोहरे भरी, अरजी बा कारा विचार महतारी, रोशन आशीष राहिहे तोहरे भरी, सेवा के जोग तोहर न भयानी, सेवा के जोग राउर न भैयानी जदी जगे चरनिया में न पैनी, जदी जगे चरनिया में न पेनी जदी जगे चरनिया में
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