धरती गगन में होती है तेरी जय जैकार Dharti gagan me hoti hai teri jai jai kar

Deepak Kumar Bind
धरती गगन में होती है तेरी जय जैकार
धरती गगन में होती है तेरी जय जैकार, हो मैया...
ऊँचे भवन में होती है तेरी जय जैकार ।
दुनिया तेरा नाम जापे, तुझको पूजे संसार...

सरस्वती महालक्ष्मी काली तीनो की तू प्यारी,
गुफा के अंदर तेरा मंदिर, तेरी महिमा न्यारी ।
शिव की जटा से निकली गंगा, आई शरण तिहारी,
आदिशक्ति आदि भवानी, तेरी शेर सवारी ।
हे अम्बे, हे जगदम्बे करना तू इतना उपकार,
आये हैं तेरे चरणों में देना हमको प्यार ॥

ब्रह्मा विष्णु महेश भी तेरे आगे शीश झुकाएं,
सूरज चाँद सितारे तुझसे उज्जयारा ले जाएँ ।
देव लोक के देव हे मैया, तेरे ही गुण गायें,
मानव करे जो तेरी भक्ति, भाव सागर तर जाए ।
हे अम्बे, हे जगदम्बे करना तू इतना उपकार,
आये हैं तेरे चरणों में देना हमको प्यार ॥

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