तेरा दर मिल गया मुझको
सहारा हो तो ऐसा हो।
दोहा – मुझे रास आ गया है
तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी
मुझे मिल गया ठिकाना।
मुझे कौन जानता था
तेरी बंदगी से पहले
तेरी याद ने बना दी
मेरी ज़िन्दगी फसाना।
तेरा दर मिल गया मुझको
सहारा हो तो ऐसा हो
तेरे टुकड़ो पर पलता हूँ
गुजारा हो तो ऐसा हो।।
किसी को ज़माने की दौलत मिली है
किसकी को जहान की हुकूमत मिली है
मैं अपने मुकद्दर पर कुर्बान जाऊं
मुझे अपने कान्हा की चोखट मिली है
मुझे अपने कान्हा की चोखट मिली है
क्यों कहीं जाए किस्मत आजमाने के लिए
मेरे कान्हा है तेरी बिगड़ी बनाने के लिए
तेरा दर मिल गया मुझकों
सहारा हो तो ऐसा हो
तेरे टुकड़ो पर पलता हूँ
गुजारा हो तो ऐसा हो।।
जमाने में नही देखा
कोई सरकार के जैसा
हमें ये नाज है रहबर
हमारा हो ऐसा हो
तेरा दर मिल गया मुझकों
सहारा हो तो ऐसा हो
तेरे टुकड़ो पर पलता हूँ
गुजारा हो तो ऐसा हो।।
मरुँ मैं तेरी चोखट पर
मेरे कान्हा मेरे दिलबर
रहे तू रूबरू मेरे
नजारा हो तो ऐसा हो
तेरा दर मिल गया मुझकों
सहारा हो तो ऐसा हो
तेरे टुकड़ो पर पलता हूँ
गुजारा हो तो ऐसा हो।।
मेरी सांसो में बहती है
तेरे ही नाम की खुशबु
महक जाए हर एक मंजर
जिकर भी तुम्हारा हो
तेरा दर मिल गया मुझकों
सहारा हो तो ऐसा हो
तेरे टुकड़ो पर पलता हूँ
गुजारा हो तो ऐसा हो।।
तेरा दर मिल गया मुझकों
सहारा हो तो ऐसा हो
तेरे टुकड़ो पर पलता हूँ
गुजारा हो तो ऐसा हो।।
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