तू महलों में रहने वाली भजन इन हिंदी लिरिक्स

Deepak Kumar Bind

तू महलों में रहने वाली भजन इन हिंदी लिरिक्स


 तू महलों में रहने वाली ,

मैं जोगी जट्टा धारी हूं ,

तेरा मेरा मेल मिले ना ,

रहता अटल अटारी हूं ,


तू महलों में रहने वाली ,

मैं जोगी जट्टा धारी हूं ,

तेरा मेरा मेल मिले ना ,

रहता अटल अटारी हूं ,


पर्वत पे मैं कर गुजरा ,

मेरा कोई घर वार नहीं ,

व्याह कराके मेरे संभले ,

सांस ससुर का प्यार नहीं ,


तू सेजो पे सोने वाली आ ,

खटिया पलग निवास नहीं ,

तू मांगेगी कहाँ से दूंगा ,

सीसा हार सिंगार नहीं ,


तुझे 56 भोज की आदत है ,

मैं बिलकुल पेट पुजारी हूं ,

तेरा मेरा मेल मिले ना ,

रहता अटल अटारी हूं ,


तेरे प्यार में होई मैं दीवानी अरे शम्भू ,

तेरे प्यार में होई मैं दीवानी ,


ब्रह्मा से तू व्याह कराले ,

ब्राह्मणी बन जावेगी ,

इंद्र से तू व्याह करवाले ,

इंद्र रानी बन जावेगी ,


विष्णु से तू व्याह कराले ,

पटरानी बन जवेगी ,

मेरे संग में व्याह की हट से ,

तेरी हानी बन जाओगी ,


तू राजा हिमाचल की लड़की ,

मैं समशान बिहारी हूं ,

तेरा मेरा मेल मिले ना ,

रहता अटल अटारी हूं ,


तू महलों में रहने वाली ,

मैं जोगी जट्टा धारी हूं ,

तेरा मेरा मेल मिले ना ,

रहता अटल अटारी हूं !!


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