बरसों से छुपी जो इस दिल में भजन इन हिंदी लिरिक्स
बरसों से छुपी जो इस दिल में |
वो बात मुझे भी कहने दो |
सब देख लिए सुख दुनियाँ के |
अब चरणों की छाँव में रहने दो।
बरसों से छुपी जो इस दिल में।
डूब रहा था भव सागर में |
हाथ पकड़ के तुमने बचाया |
अब श्याम नाम की गंगा में मन |
बहता है तो बहने दो |
सब देख लिए सुख दुनियाँ के |
अब चरणों की छाँव में रहने दो।
बरसों से छुपी जो इस दिल में।
सपनों में जो घर थे बनाएं |
आँख खुली तो कुछ भी नहीं था |
ऐसे महलों का क्या मतलब |
ये ढहते हैं तो ढहने दो |
सब देख लिए सुख दुनियाँ के |
अब चरणों की छाँव में रहने दो।
बरसों से छुपी जो इस दिल में।
हाथ छुड़ाकर दूर गए जो |
अब उनसे उम्मीद करूँ क्या |
पग पग मेरे जो साथ रहा |
उस श्याम की बाहें गहने दो |
सब देख लिए सुख दुनियाँ के |
अब चरणों की छाँव में रहने दो।
बरसों से छुपी जो इस दिल में।
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