ओ भोले जी न करना तुम इनकार भजन इन हिंदी लिरिक्स

Deepak Kumar Bind

ओ भोले जी न करना तुम इनकार भजन इन हिंदी लिरिक्स



सावन के मेले में मैं इस बात जाउंगी ,

डुबकी लगा के भोले हरिद्वार नेहलाऊगी ,

ओ भोले जी न करना तुम इनकार ,


अब यो डमरू वाले हम को ऐसे न तरसाओ ,

वादा किया पिछले सावन वाधा तुम निभाओ ,

गंगा जी में डुबकी भोले जाके लगाऊ गी ,

ओ भोले जी न करना तुम इनकार ,


ना घोटू मैं भांग चाहे जितना जोर लगाना लेना,

पड़ गए छाले हाथो में अब मिक्सी मूल मंगा लेना ,

तीन लोक के स्वामी सुन ले पीहर जाऊगी ,

ओ भोले जी न करना तुम इनकार ,


मान गया इब बात गोरा अपने पीहर मत जावे ,

बिन तेरे मेरा जी न लागे  जो रे गोरा मत आवे ,

करदे माफ़ तू मने भोले अब न सताऊ गी ,

ओ भोले जी न करना तुम इनकार !!



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