ये है गंगा नहाते चलो भजन इन हिंदी लिरिक्स
शरदा के फूल चडाते चलो ये है गंगा नहाते चलो,
तन ये दोबरा मिले न मिले जीवन को पावन बनाते चलो,
ये है गंगा नहाते चलो ,
इस ने तारे लोबी डोंगी रिश्री मुनियों को तारा,
पाप हारनी मोक्ष तारनी इस की निर्मल धारा,
अमृत है माथे लगाते चलो,
ये है गंगा नहाते चलो ,
ब्रह् सुता गंगा कल्याणी बागी रथी संग आई,
गो मुख से गंगा सागर तक धारा बन लहराई,
घट घट पे दीप जलाते चलो,
ये है गंगा नहाते चलो,
अंत समय तन राख में मिल के जब गंगा तट आये,
ममता के आँचल में उसको गंगा गोद सुलाए,
इस दर पे शीश निभाते चलो,
ये है गंगा नहाते चलो !!
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks