चोंक चोराहो पर मौत खड़ी है फिर विपदा आई भजन इन हिंदी लिरिक्स
चोंक चोराहो पर मौत खड़ी है श्मशानो में देखो भीड़ भरी है,
कोई न अपना तेरा अगन लगाये तू क्यों इतराए,
|| चार दिनों का ताप ये कैसा फिर विपदा है लाई ||
अर्थी तरस रही काँधे अपने,
अपने पराये सारे झूठे सपने,
करले यत्न अब अपना रे भाई ये विपदा है आई,
चार दिनों का ताप ये कैसा फिर विपदा है लाई,
अपने भी छुटे सारे सपने भी टूटे जग के जमेंले सारे पड़ गए झूठे,
करले यत्न अब दुरी बना के ये विपदा है आई,
|| चार दिनों का ताप ये कैसा फिर विपदा है लाई ||
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