धीरे धीरे अखियाँ माँ खोल रही है भजन इन हिंदी लिरिक्स
धीरे धीरे अखियाँ माँ खोल रही है,
|| लगता है मैया कुछ बोल रही है ||
दुनिया के नजारे तो बेजान लगते,
सूरज चंदा कोडी के समान लगते,
आत्मा में अमिरत ढोल रही है,
|| लगता है मैया कुछ बोल रही है ||
आये गी जरुर मैया आज सामने अपने भगतो का देखो हाथ थामने,
बस मिलने का मोका ये टटोल रही है,
|| लगता है मैया कुछ बोल रही है ||
बन वारी ऐसी तकदीर चाहे आत्मा में ऐसी तस्वीर चाहिए,
ऐसा ये असर दिल पे छोड़ रही है !!
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