मन तड़पत हरि दर्शन को आज भजन इन हिंदी

Deepak Kumar Bind

मन तड़पत हरि दर्शन को आज

मन तड़पत हरि दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज
विनती करत हूँ रखियो लाज
|| मन तड़पत हरि ||

तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी
हमरी ओर नज़र कब होगी
सुन मोरे व्याकुल मन का बात
|| मन तड़पत हरि ||

बिन गुरू ज्ञान कहाँ से पाऊँ
दीजो दान हरी गुन गाऊँ
सब गुनी जन पे तुम्हारा राज
|| मन तड़पत हरि ||

मुरली मनोहर आस न तोड़ो
दुख भंजन मोरा साथ न छोड़ो
मोहे दरसन भिक्षा दे दो आज दे दो आज
|| मन तड़पत हरि ||

मन तड़पत हरि दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज
विनती करत हूँ रखियो लाज
|| मन तड़पत हरि ||

Post a Comment

0Comments

If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !