भजन - ध्यान करू बजरंग बलि तोरी लिरिक्स इन हिंदी
ध्यान करू बजरंग बलि तोरी इसबा सर गुणगान करू
अपने दोनों हाथ को जोड़े ध्यान करू परिणाम करू
मन मंदिर में दीप जला कर सीता राम की भगति जगाउ
राम सिया के साथ में तोरी बजरंग बलि नित आरती गाऊ
लाल देह लाली लचितं में ऐसे रूप को शीश जुकाउ
चरणों में महावीर तुम्हारे चारो पदार्थ जीवन पाउ
ऐसी किरपा करो मुझ पर स्वामी मैं भी तुम्हारा दास कहाऊ
राम सिया के साथ में तोरी बजरंग नित आरती गाऊ
अकष्ट चन्दन पूजन वधा अर्चन से शृंगार करू
घंटा ध्वनि संग जय बजरंग का नाम जपु नित ध्यान करू
रूचि रूचि फल और भोग है अर्पण
करलो ग्रहण संतोष मैं पाउ
राम सिया के साथ में तोरी बजरंग बलि नित आरती गाऊ
कितनो की बिगड़ी तूने सवारी कितनो को प्रभु तार दियां
कितनो को जीवन दे कर के प्रभु संकट से उधार किया
निज चरणों में वसा लो मुझको मैं अपने मन तुझको वसा लू
राम सिया के साथ में तोरी बजरंग बलि नित आरती गाऊ !!
मन मंदिर में दीप जला कर सीता राम की भगति जगाउ
राम सिया के साथ में तोरी बजरंग बलि नित आरती गाऊ
लाल देह लाली लचितं में ऐसे रूप को शीश जुकाउ
चरणों में महावीर तुम्हारे चारो पदार्थ जीवन पाउ
ऐसी किरपा करो मुझ पर स्वामी मैं भी तुम्हारा दास कहाऊ
राम सिया के साथ में तोरी बजरंग नित आरती गाऊ
अकष्ट चन्दन पूजन वधा अर्चन से शृंगार करू
घंटा ध्वनि संग जय बजरंग का नाम जपु नित ध्यान करू
रूचि रूचि फल और भोग है अर्पण
करलो ग्रहण संतोष मैं पाउ
राम सिया के साथ में तोरी बजरंग बलि नित आरती गाऊ
कितनो की बिगड़ी तूने सवारी कितनो को प्रभु तार दियां
कितनो को जीवन दे कर के प्रभु संकट से उधार किया
निज चरणों में वसा लो मुझको मैं अपने मन तुझको वसा लू
राम सिया के साथ में तोरी बजरंग बलि नित आरती गाऊ !!
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