सूरज की किरणें, गंगा की धार (sooraj kee kiranen, ganga kee dhaar lyrics in hindi)
सूरज की किरणें, गंगा की धार
कुंभ का मेला, ये अद्भुत संसार।
मन को शांति, आत्मा को प्रकाश,
ध्यान से मिलता है मोक्ष का विश्वास।
हर-हर गंगे, जय साधना,
योगी और संतों का है आश्रय।
मन की गहराई, तज मोह-माया,
कुंभ में मिलता, प्रभु का साया।
संगम के तट पर, बजते शंख-घंटे,
साधना में लीन, हैं ऋषि-मुनि।
प्रभु की आराधना, हर कण में व्याप्त,
ध्यान की गहराई, है सृष्टि का पथ।
गुरु का आशीष, जीवन का सार,
साधना के बल से, कटते विकार।
कुंभ मेला लाता, प्रेम और प्रकाश,
ध्यान से मिलता, सच्चा विश्वास।
जय गंगा माई, जय त्रिवेणी धाम,
ध्यान और साधना, मिटाएं सब घाम।
कुंभ का ये मेला, जीवन का आधार,
ध्यान की शक्ति से, हो पूरा उद्धार।
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