पिता रोटी है पिता कपड़ा है पिता मकान है लिरिक्स (pita roti hai, pita kapada hai, pita makaan hai) - Bhaktilok

Chandan Sah

पिता रोटी है पिता कपड़ा है पिता मकान है लिरिक्स || Pita roti hai, pita kapada hai, pita makaan hai lyrics in hindi ||



पिता रोटी है पिता कपड़ा है पिता मकान है,

पिता ननेसे परिन्दे का बड़ा आसमान है,

पिता है तो हर घर मे हर पल राग है,

पिता से माँ चूड़ी है बिन्दी है सुहाग है,

पिता है तो बच्चों के सारे सपने है,

पिता है तो बाज़ार में सारे खिलोने अपने है,

सुबह सवेरे घर से निकल जाते है,

मेरे पापा दाना पानी लाते है,


खून पसीना एक करके कमाते है,


कभ जागते कभ सोते है पता नही,

किस वक्त कहा होते है पता नही ,

एक अकेले घर का बोज उठाते है ,

मेरे पापा दाना पानी लाते है ,


सात समुन्दर पार से गुडयू की बाज़ार से,

अछि सी गुड़िया लाना गुड़िया चाहे ना लाना,

पापा जल्दी आजाना ,


खुद बीमार हो अपनी चिंता नही करते ,

हम को छिक भी आये पापा बहुत डरते,

खुद दवाई लेने बागे जाते है,


मेरे पापा दाना पानी लाते है ,

सात समुन्दर पार से गुडयू की बाज़ार से,

अछि सी गुड़िया लाना गुड़िया चाहे ना लाना,

पापा जल्दी आजाना ,


सब के पापा सुखी रहे खुशहाल रहे ,

चंचल बनके बच्चों की वो डाल रहे ,

हर संकट से पापा हमें बचाते है ,


मेरे पापा दाना पानी लाते है ,

सात समुन्दर पार से गुडयू की बाज़ार से

अछि सी गुड़िया लाना गुड़िया चाहे ना लाना

पापा जल्दी आजाना

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