कुंभ मेला में त्रिवेणी का संगम (kumbh mele mein trivenee ka sangam full lyrics in hindi)
कुंभ मेला में त्रिवेणी का संगम
त्रिवेणी के संगम पर, हर हर गंगे जय गंगे।
तीर्थराज प्रयाग में, पावन कुंभ का रंग है।। कुंभ
गंगा जमुना सरस्वती, तीन धाराओं का मेल।
जहाँ मिला है आस्था, हर कण में विष्णु का खेल।।
त्रिवेणी की इस भूमि पर, पाप कटे और मिले मोक्ष।
स्नान करो इस पुण्य में, जीवन हो जाए निर्मल कोष।।
हर-हर महादेव के जयकारे, भक्तों ने गाया।
साधु-संतों ने तपस्या से, पुण्य का दीप जलाया।।
युगों-युगों से चलता आया, कुंभ का ये पावन मेला।
जहाँ धर्म और कर्म का संगम, बना है जीवन का खेला।।
त्रिवेणी का संगम यह, पावन भूमि महान।
जहाँ हरि चरणों का वास है, और होती जग की पहचान।।
हर-हर गंगे, हर-हर गंगे, त्रिवेणी का ये जयगान।
कुंभ में आओ मिलें प्रभु से, पाएं अमृत का वरदान।।
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