हरी नाम नहीं तो जीना क्या लिरिक्स || Haree naam nahin to jeena kya lyrics in hindi || Bhaktilok

Chandan Sah

हरी नाम नहीं तो जीना क्या लिरिक्स || Haree naam nahin to jeena kya lyrics in hindi ||



हरी नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरी नाम जगत में,

इसे छोड़ विषय रस पीना क्या


काल सदा अपने रस डोले,

ना जाने कब सर चढ़ बोले।

हर का नाम जपो निसवासर,

इसमें बरस महीना क्या॥

हरी नाम नहीं तो जीना क्या.....


भूषन से सब अंग सजावे,

रसना पर हरी नाम ना लावे।

देह पड़ी रह जावे यही पर,

फिर कुंडल और नगीना क्या॥

हरी नाम नहीं तो जीना क्या.....


तीरथ है हरी नाम तुम्हारा,

फिर क्यूँ फिरता मारा मारा।

अंत समय हरी नाम ना आवे,

फिर काशी और मदीना क्या॥

हरी नाम नहीं तो जीना क्या.....



हरी नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरी नाम जगत में,

इसे छोड़ विषय रस पीना क्या। 

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