गंगा आरती (ganga aaratee lyrics in hindi)
गंगा आरती
जय गंगा माई की, जय गंगा माई की
जय गंगा माई की, जय गंगा माई की।
सकल संकट हरने वाली, तुही भवानी शंकर रानी।
जय गंगा माई की, जय गंगा माई की।।
तुम हो जगत जननी, तुम हो जगत जननी,
शरण में तेरे आये, सबके संकट हरने वाली।
जय गंगा माई की, जय गंगा माई की।।
गंगा मइया की महिमा असीम है,
सभी पापों का नाश करने वाली।
पुनीत करने वाली, परमात्मा से जोड़ने वाली,
गंगा मइया की महिमा असीम है।।
गंगा माई के बिना जीवन अधूरा,
जो नहाए गंगा में, वह पुण्य पाता है।
कुंभ के मेला में जो स्नान करता है,
उसका जीवन सुखमय और संपूर्ण होता है।।
यह गीत गंगा के महत्व को रेखांकित करते हैं, जो सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाली और जीवन को शुद्ध करने वाली मानी जाती हैं। कुंभ मेला में गंगा आरती का आयोजन विशेष रूप से लोगों को गंगा के साथ जुड़ने और उनकी आस्था को प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है।
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