माया का मारीच चला मायापति को भटकाने ( Maya Ka Marich chala Mayapati ko Bhatakane Lyrics in Hindi) - New Ram Bhajan - bhaktilok

Suraj Kumar Bind

 

माया का मारीच चला मायापति को भटकाने ( Maya Ka Marich chala Mayapati ko Bhatakane Lyrics in Hindi) -


कंचन मृग बनकर आया,

सिय का अपहरण कराने।

माया का मारीच चला,

मायापति को भटकाने।


सीता बोलीं वो देखें,

स्वामी जी मृग कंचन का

चर्म मार कर लायें यह,

होगा निशान इस वन का,

सिय माया की माया का मृग,

लगे राम मुसकाने

माया का मारीच चला....


माया सोना है,

उसके आगें यह जग है खिलौना,

कितने लोगों को जीवन भर,

सोने दिया न सोना,

राम चले सोने के पीछे,

दर दर ठोकर खाने,

माया का मारीच चला...

.

मायापति को भी वन में,

दर-दर भटकाई माया,

इसी लिए जीवन में पड़े न,

माया की कही छाया,

राही नचा रहा जो जग को,

उसे माया चली नचाने,

माया का मारीच चला...||


**** Singer : Prakash Gandhi ***



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