मेरी लगी श्याम संग प्रीत
ये दुनिया क्या जाने
क्या जाने कोई क्या जाने
क्या जाने कोई क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीट
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ....||
छवि लगी मैंने श्याम की जबसे
भई बावरी मैं तो तब से
बाँधी प्रेमक की डोर मोहन से
नाता तोडा मैंने जग से
मेयर कैसी पागल प्रीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ....||
मोहन की सुन्दर सुरतिया
मन में बस गई मोहिनी मूरतिया
लोग कहें मैं तो भई बावरिया
जबसेो ओढ़ी श्याम चुनरिया
मैंने छोड़ी जग की रीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ....||
हर दम अब तो रहूं मस्तानी
लोक लाज सब दीन्हि बिसरानी
रूप राशि अंग अंग समानी
हैरत हैरत रहूं दीवानी
मैं तो गाऊं ख़ुशी के गीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ....||
If you liked this post please do not forget to leave a comment. Thanks