बीच भवर में नाव है अटकी करदे पार कन्हैया लिरिक्स (Bich Bhavar Me Naav Hai Ataki Lyrics in Hindi) - BhaktiLok

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बीच भवर में नाव है अटकी करदे पार कन्हैया (Bich Bhavar Me Naav Hai Ataki Lyrics in Hindi) - 


मेरी बीच भँवर में है
मेरी नैया कन्हैया पार करो
मेरी बीच भँवर में है
मेरी नैयाँ कन्हैयां पार करो।

है भारी तूफ़ान ड़गर में
और किनारा दूर
काले काले बादल सर पे
छायें हैं मजबूर 
मेरी बीच भँवर में है
मेरी नैयाँ कन्हैयां पार करो। 

तुम ही प्रभु दुखीयों के साथी
आओ तुम्हें पुकारे
दीनों के हितकारी माधव
तन मन तुम पे वारें 
मेरी बीच भँवर में है
मेरी नैयाँ कन्हैयां पार करो। 
 
तुमने मुखड़ा मोड लिया क्यों
है घनश्याम बता दो
नदी किनारें चातक प्यासा
बैठा प्यास बुझा दो
 मेरी बीच भँवर में है
मेरी नैयाँ कन्हैयां पार करो। 

डगमग डोले जीवन नैयाँ
हो गई नाँव पुरानी
शिव चरणों में आई सुनाई
अपनी करुण कहानी
मेरी बीच भँवर में है
मेरी नैयाँ कन्हैयां पार करो।

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