माँ कुष्मांडा की कथा लिरिक्स (Maa Kushmanda Katha Lyrics In Hindi) -
हम नवरातों के चौथे दिन की कथा सुनाते है
पावन कथा सुनाते है
माँ कुष्मांडा जी का मैं वृतांत बताते है
हम कथा सुनाते है
कैसे नाम पड़ा कुष्मांडा ये समझाते है
हम नवरातों के चौथे दिन की कथा सुनाते है
पावन कथा सुनाते है
करो कुष्मांडा माँ का ध्यान हो जायेगा कल्याण
मिले मुँह मांगा वरदान करो कुष्मांडा माँ का ध्यान ||
अति कोमल है ह्रदय माँ का मनभावन है रूप
भक्तो के खातिर हो जाती है भक्तो के अनुरूप
नवरातो का चौथा दिन है कुष्मांडा के नाम
पूजा करे जो कुष्मांडा की बनेंगे उसके काम
वेदो ने उपनिषदों ने भी माँ का किया बखान
सबसे उत्तम सबसे पावन कुष्मांडा का नाम
ध्यान लगा के कथा को सुनना कथा है हितकारी
कष्ट कलेश मुसीबत घर से मिट जाए सारी
अनुपम दिव्य सलोना माँ का रूप दिखाते है
नवरातों के चौथे दिन की गाथा गाते है हम कथा सुनाते है
करो कुष्मांडा माँ का ध्यान हो जायेगा कल्याण
मिले मुँह मांगा वरदान करो कुष्मांडा माँ का ध्यान ||
हल्की मंद हंसी से माँ ने ऐसा कर डाला
कुष्मांडा माता जी ने ब्रह्माण्ड बना डाला
इसीलिए कुष्मांडा नाम से अभिहित किया गया
तभी से नाम कुष्मांडा घोषित किया गया
सृष्टि नहीं थी अन्धकार था चारो तरफ छाया
इसी कुष्मांडा माँ ने प्रकाश था फैलाया
अपने इस्त हास्य से ब्रह्माण्ड की रचना की
कुष्मांडा माँ की ये पहली रचना थी
इसके आगे भक्तो हम कथा बढ़ाते है
नवरातों के चौथे दिन की गाथा गाते है हम कथा सुनाते है
करो कुष्मांडा माँ का ध्यान हो जायेगा कल्याण
मिले मुँह मांगा वरदान करो कुष्मांडा माँ का ध्यान ||
इसीलिए उस माँ का पड़ा था आदि स्वरूपा नाम
आदि शक्ति माँ आदि भवानी कुष्मांडा का नाम
अष्ट भुजा वाली ये माता रहती सिंह सवार
अमृत कलश गदा चक्र माला हाथो के शृंगार
सभी सिद्धियों और निद्धियों पे माँ का है अधिकार
दिव्य शक्तियां ब्रह्म लोक की माँ को रही सवार
कुम्हड़े की बलि प्रिय है माँ को कहते है जिसे कुष्मांड
कुष्मांडा माता से प्रकाशित है सारा ब्रह्माण्ड
हाथ जोड़ माँ कुष्मांडा की महिमा गाते है पावन महिमा गाते है
नवरातों के चौथे दिन की गाथा गाते है हम कथा सुनाते है
करो कुष्मांडा माँ का ध्यान हो जायेगा कल्याण
मिले मुँह मांगा वरदान करो कुष्मांडा माँ का ध्यान ||
सूर्य मंडल के सूर्य लोक में रहने की क्षमता है
शक्ति स्वरूपा के अंदर हर समता विसमता है
तेज सूर्य का दमक रहा है माँ के मुखड़े पर
सौर्य मंडल की आभा चमके माँ के मुखड़े पर
दसों दिशाएँ आलोकित है माँ के ही तेज से
प्रकाशित ब्रह्माण्ड है सारा माँ के तेज से
उतना ही कम होगा इनका जितना करूँ बखान
कोई नहीं है दूजा माँ के जैसा कही बलवान
माँ से ही ब्रह्माण्ड की है पहचान बताते है
नवरातों के चौथे दिन की गाथा गाते है हम कथा सुनाते है
करो कुष्मांडा माँ का ध्यान हो जायेगा कल्याण
मिले मुँह मांगा वरदान करो कुष्मांडा माँ का ध्यान ||
नवरातों के चौथे दिन पूजा करे इनकी
धन वैभव सब मिलता है इच्छा पूरी हो मन की
रोग शोक का नाश हो जाता बढ़े आयु यश बल
पूजा करे जो श्रद्धा भाव से हो कर के निश्छल
ड़ी सी ही सेवा भाव से माँ होती प्रसन्न
द्रव्य और धन धान्य से उसका भर देती आंगन
रहे आरोगय हमेशा ही उस सेवक का परिवार
माँ के सेवको का रहता है खुशियों पे अधिकार
संशय नहीं ज़रा भी इसमें सत्य बताते है
नवरातों के चौथे दिन की गाथा गाते है हम कथा सुनाते है
करो कुष्मांडा माँ का ध्यान हो जायेगा कल्याण
मिले मुँह मांगा वरदान करो कुष्मांडा माँ का ध्यान ||
जिसके सर पे हाथ है माँ का वो है बड़ा बलवान
जहाँ भी जाता है पाता है वो उत्तम स्थान
कुष्मांडा माता की जिस पर कृपा होती है
उसके घर में ख़ुशी की हर पल वर्षा होती है
रक्षा करती है स्वयं भक्त की माता ये हर पल
रखती लाज हमेसा भक्त की देती उत्तम फल
नवरातों के चौथे रोज जो करता है इसका ध्यान
उसको समझती है ये माता अपनी ही संतान
यही है माँ कुष्मांडा की पहचान बताते है
नवरातों के चौथे दिन की गाथा गाते है हम कथा सुनाते है
करो कुष्मांडा माँ का ध्यान हो जायेगा कल्याण
मिले मुँह मांगा वरदान करो कुष्मांडा माँ का ध्यान ||
हाथ जोड़ के सारे बोलो कुष्मांडा की जय
जहाँ भी जाओगे पाओगे अपनी वही विजय
रक्षा करेगी कुष्मांडा माँ रहेगी हर पल साथ
झूठ नहीं है उसमे तनिक भी है ये सच्ची बात
कुष्मांडा माता को जिसने मन में बसाया है
जग में ऊंची पदवी ऊँचा नाम कमाया है
सरल स्वभाव है कुष्मांडा का सरल ही मिलती है
करती क्षमा हमेसा है गलती नहीं गिनती है
रखो हाथ सुखदेव के सिर पे माँ शीश झुकाते है
नवरातों के चौथे दिन की गाथा गाते है हम कथा सुनाते है
करो कुष्मांडा माँ का ध्यान हो जायेगा कल्याण
मिले मुँह मांगा वरदान करो कुष्मांडा माँ का ध्यान ||
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