माँ कालरात्रि महिमा (Maa Kaalratri Mahima Lyrics in Hindi) -
माँ कालरात्रि दुष्टों का विनाश
करने वाली हैं। दानव दैत्य
राक्षस भूत प्रेत आदि इनके ।।
स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर
भाग जाते हैं। ये ग्रह-बाधाओं को
भी दूर करने वाली हैं। इनके
उपासकों को अग्नि-भय जल-भय ।।
जंतु-भय शत्रु-भय रात्रि-भय
आदि कभी नहीं होते। इनकी कृपा
से वह सर्वथा भय-मुक्त हो जाता है ।।
इनकी पूजा-अर्चना करने से सभी
पापों से मुक्ति मिलती है व दुश्मनों
का नाश होता है तेज बढ़ता है ।।
माँ कालरात्रि के स्वरूप-विग्रह को
अपने हृदय में अवस्थित करके
मनुष्य को एकनिष्ठ भाव से उपासना
करनी चाहिए। यम नियम संयम का ।।
उसे पूर्ण पालन करना चाहिए। मन
वचन काया की पवित्रता रखनी चाहिए।।
माँ कालरात्रि शुभंकारी देवी हैं। उनकी
उपासना से होने वाले शुभों की गणना ।।
नहीं की जा सकती। हमें निरंतर उनका
स्मरण ध्यान और पूजा करना चाहिए ।।
{ माँ कालरात्रि की स्तुति }
सातवाँ जब नवरात्र हो
आनंद ही छा जाता।
अन्धकार सा रूप ले
पुजती हो माता॥
गले में विद्युत माला है
तीन नेत्र प्रगटाती।
धरती क्रोधित रूप माँ
चैन नहीं वो पाती॥
गर्दभ पर विराज कर
पाप का बोझ उठाती।
धर्म की रखती मर्यादा
विचलित सी हो जाती॥
भूत प्रेत को दूर कर
निर्भयता है लाती।
योगिनिओं को साथ ले
धीरज वो दिलवाती॥
शक्ति पाने के लिए
तांत्रिक धरते ध्यान।
मेरे जीवन में भी दो
हलकी सी मुस्कान॥
नवरात्रों की माँ
कृपा कर दो माँ।
नवरात्रों की माँ
कृपा कर दो माँ॥
जय माँ कालरात्रि।
जय माँ कालरात्रि॥
सातवाँ जब नवरात्र हो
आनंद ही छा जाता।
अन्धकार सा रूप ले
पुजती हो माता॥
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