हारे के सहारे हारी बाज़ी जिता दो बगिया (Haare Ke Sahare Haari Baaji Jita Do Bagiya Lyrics in Hindi) - Vijay Puri Goswami - BhaktiLok
हारे के सहारे हारी बाज़ी जिता दो बगिया (Haare Ke Sahare Haari Baaji Jita Do Bagiya Lyrics in Hindi) - Vijay Puri Goswami - BhaktiLok
हारे के सहारे हारी बाज़ी जिता दो बगिया (Haare Ke Sahare Haari Baaji Jita Do Bagiya Lyrics in Hindi) -
उजड़ी बगिया महका दो मन की चिड़िया चहका दोचरणों में ज़रा जगह दो दिल से श्याम लगा दोहारे के सहारे ओ हारी बाज़ी जिता दोउजड़ी बगिया महका दो ...............हुकुम बजाऊंगा दर ना छोड़ जाऊँगाआठों याम चाकरी मैं श्याम नाम गाऊंगाआया दरबार नया नौकर लिखा दोहारे के सहारे ओ हारी बाज़ी जिता दोउजड़ी बगिया महका दो ...............महके दरबार तेरा खुशबू मैं बन जाऊंक्या क्या जातां करूँ दास तेरा हो जाऊंबागबा मेरी बगिया को अपना बना लोहारे के सहारे ओ हारी बाज़ी जिता दोउजड़ी बगिया महका दो ...............नसीबा संवारा बिगड़ा लाखो को तार दियामोरछड़ी का झाड़ा भगतों पे वार दियाआया सुरेश दर पे हाथ बढ़ा दोहारे के सहारे ओ हारी बाज़ी जिता दोउजड़ी बगिया महका दो ...............
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