देहलीज़ | Dehleez | Shyam Bhajan | by Kratika Malviya | लो हारी मैं तो हारी हूँ कर कर दो करम - BhaktiLok

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देहलीज़ | Dehleez | Shyam Bhajan | by Kratika Malviya | लो हारी मैं तो हारी हूँ कर कर दो करम - BhaktiLok


देहलीज़ | Dehleez | Shyam Bhajan | by Kratika Malviya | लो हारी मैं तो हारी हूँ कर कर दो करम



महिमा तुम्हारी बाबा भक्तों ने जबसे सुनाई 
हारे का साथी बनकर करते हो सुनवाई 
लहरा दो मोरछड़ी बाबा चिंता हो जाए कम
देहलीज़ पर तेरी बाबा आकर रुके हैं कदम 
लो हारी मैं तो हारी हारी हारी , जग से हारी 
लो हारी मैं तो हारी हूँ कर कर दो करम 
सपने बिखर के आँखों से अब हो गए हैं कम 
देहलीज़ पर तेरी बाबा आकर रुके हैं कदम 
लो हारी मैं तो हारी हारी हारी , जग से हारी 
लो हारी मैं तो हारी हूँ कर कर दो करम 

हरे का सहारा मेरा श्याम मेरे बना दे बिगड़े काम ..........

महसूस कर लो बाबा तड़पन हमारे मन की 
आवाज़ देती हैं तुझको उम्मीदें आँगन की 
तेरी लगन लगी हमको और तेरे हुए हैं हम 
देहलीज़ पर तेरी बाबा आकर रुके हैं कदम 
लो हारी मैं तो हारी हारी हारी , जग से हारी 
लो हारी मैं तो हारी हूँ कर कर दो करम 

तेरा मेरा ये नाता पावन सभी नातों से 
छूटे न चरण तुम्हारे ओ श्याम हाथों से 
तुझ पर भरोसा मुझको हुआ हुए दूर मन के भरम 
देहलीज़ पर तेरी बाबा आकर रुके हैं कदम 
लो हारी मैं तो हारी हारी हारी , जग से हारी 
लो हारी मैं तो हारी हूँ कर कर दो करम 






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